गाज़ियाबाद | जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने आज गाज़ियाबाद जिले के सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की हाजिरी जाँचने के लिए एक विशेष अभियान चलवाया। “ऑपरेशन लापता” नाम से यह अभियान सुबह 9 बजे से 12 बजे तक चला।
आपको बता दें कि गाज़ियाबाद में कुल 9 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा 4 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। हर केंद्र पर डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति जाँचने के लिए एक-एक अधिकारी नियुक्त किया गया, इस तरह कुल “ऑपरेशन लापता” के लिए कुल 13 अधिकारी लगाए गए। अभियान इतना गोपनीय था कि जांच के लिए गए अधिकारियों को अंत तक पता नहीं था कि उन्हें क्या करना है।
“आपरेशन लापता” के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुराना में 4, निवाड़ी में 2, तथा सैदपुर हुसैनपुर तथा भोजपुर में एक-एक, चिरौड़ी में 8 व फरुखनगर तथा असालतपुर में 2-2 स्वास्थ्यकर्मी अनुपस्थित मिले। इसी तरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डासना में 24, मुरादनगर में 17 तथा लोनी में 30 स्वास्थ्यकर्मी अनुपस्थित पाए गए। मोदीनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 1 डॉक्टर तथा अन्य मेडिकल स्टाफ अनुपस्थित मिला। सिटी मजिस्ट्रेट शिव प्रताप शुक्ल ने बताया कि मलेरिया विभाग के औचक निरीक्षण में 19, एमएमजी हॉस्पिटल में 1 तथा संजय नगर स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय में 19 डॉक्टर व अन्य मेडिकल स्टाफ अनुपस्थित पाया गया।
जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने डॉक्टरों तथा अन्य मेडिकल स्टाफ की अनुपस्थिति पर कड़ा रुख अपनाते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि सभी सामुदायिक स्वस्थ केन्द्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर लगी खराब बायोमेट्रिक मशीनों को ठीक करा कर उन्हें एनआईसी के सर्वर से लिंक कराया जाए। उन्होंने कहा कि नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में तैनात डॉक्टरों की उपस्थिति लगाने के लिए एक मोबाइल एप बनाया जाए जिसके माध्यम से हर डॉक्टर प्रतिदिन के दैनिक अखबार के साथ अपनी फोटो डालें। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी से पूछा कि वे बताएं कि अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सीएचसी तथा पीएचसी के औचक निरीक्षण के लिए क्या दायित्व दिए गए हैं।
सीएचसी लोनी, मुरादनगर तथा पीएचसी चिरौड़ी में सबसे जादा स्टाफ अनुपस्थित पाया गया। जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी गाज़ियाबाद को आदेश दिए हैं कि वे संबन्धित अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा अपने कार्य में लापरवाही बरतने के लिए उनके विरुद्ध प्रतिकूल प्रविष्ठी की जाए। इसके अलावा जिलाधिकारी ने सभी ड्यूटी से नादारद डॉक्टरों तथा मेडिकल स्टाफ को निर्देश दिए हैं कि वे लिखित में अपने अनुपस्थित रहने का कारण बताएं। संतोषजनक उत्तर न मिले पर 1-1 दिन की सैलरी काट ली जाएगी।
इसी तरह संयुक्त चिकित्सालय संजय नगर तथा मलेरिया केंद्र में अनुपस्थित डॉक्टरों तथा मेडिकल स्टाफ को निर्देश दिए हैं कि वे लिखित में अपने अनुपस्थित रहने का कारण बताएं। संतोषजनक उत्तर न मिले पर 1-1 दिन की सैलरी काट ली जाएगी।
दरअसल जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय को लगातार शिकायतें मिल रहीं थी कि जिला मलेरिया विभाग में तैनात डॉक्टर तथा स्टाफ समय से नहीं पहुँचते हैं और अकसर अनुपस्थित रहते हैं। जिलाधिकारी ने जिला मलेरिया अधिकारी को आदेश दिए हैं कि वे हर रोज अपना स्टाफ रजिस्टर मुख्य विकास अधिकारी को दिखाएं। यह प्रक्रिया अगले एक महीने तक जारी रहेगी।
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