गाज़ियाबाद। एसएसपी का पीआरओ थानों का चार्ज देने में भ्रष्टाचार के मैसेज वायरल होने के मामले में दोषी पाया गया है। एसपी सिटी ने मामले की जांच पूरी कर ली है। उनका कहना है कि थाने का चार्ज न मिलने की कुंठा में पीआरओ ने व्हाट्सएप ग्रुप पर मैसेज वायरल किए थे। पीआरओ पूछताछ में अपने बचाव में कोई सुबूत नहीं दे पाया। एसपी सिटी का कहना है कि पीआरओ के मोबाइल का डाटा कलेक्ट कराया जा रहा है। उसके बाद जांच रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी जाएगी। माना जा रहा है कि रिपोर्ट सबमिट होने के बाद पीआरओ पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
गौरतलब है कि एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने गत आठ नवंबर को सिहानी गेट, नगर कोतवाली, ट्रॉनिका सिटी व महिला थाने के एसएचओ बदले थे। लेकिन, अयोध्या मामले में फैसले की तिथि नौ सितंबर घोषित होने पर तबादला आदेश होल्ड कर दिए थे। तबादलों को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही थीं कि 12 नवंबर को मंगलवार को उक्त सूची जारी कर दी गई। लेकिन, सूची जारी होने से एक दिन पहले सोमवार शाम को एसएसपी के पीआरओ इंस्पेक्टर पंकज कुमार के पर्सनल नंबर से एक व्हाट्सएप ग्रुप पर भेजे गए मैसेज से हड़कंप मच गया। मैसेज में कप्तान द्वारा की जा रही ट्रांसफर पोस्टिंग पर सवाल खड़े किए थे। लिखा कि गाजियाबाद में आखिर भ्रष्टाचारियों को ही थानों का चार्ज क्यों दिया जा रहा है?
एसएसपी व कई एसएचओ पर खड़े किए थे सवाल
पीआरओ के नंबर से डाले गए मैसेज में जिले में तैनात कई एसएचओ की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए थे। इनमें कविनगर, नगर कोतवाली, ट्रॉनिका सिटी व इंदिरापुरम के पूर्व एसएचओ का नाम शामिल था। इतना ही नहीं, एसएसपी पर भी सवाल खड़े किए गए थे कि उन्होंने उच्चाधिकारियों के निर्देशों का पालन नहीं किया है। मैसेज वायरल होने पर पुलिस में हड़कंप मच गया था। एसएसपी ने मामले की जांच एसपी सिटी को सौंपी थी।
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