लखनऊ। नगर विकास विभाग प्रदेश के बड़े शहरों की सीमा का विस्तार करते हुए उनका दायरा नए सिरे से तय करने जा रहा है। इसमें आसपास का ग्रामीण इलाके शामिल किए जाएंगे। पहले चरण में लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, गाजियाबाद, शाहजहांपुर व फिरोजाबाद शहर शामिल हैं। नगर विकास विभाग ने नगर निगमों से इस संबंध में प्रस्ताव मांगे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नगर विकास विभाग ने नगर निगमों से सीमा विस्तार संबंधी प्रस्ताव देने को कहा है।
जिन नगर निगमों का सीमा विस्तार संबंधी प्रस्ताव पूर्व में आ गया था, उसमें संशोधन कराते हुए नए सिरे से भेजने को कहा गया है। नगर विकास विभाग अब इसके आधार पर सीमा विस्तार करने की तैयारियों में जुट गया है। नगर निगम के साथ नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों की सीमा का विस्तार किया जाएगा। इसके साथ ही नई नगर पंचायतें और पालिका परिषद बनाने का काम भी जल्द शुरू हो जाएगा।
नगर विकास विभाग के मुताबिक बड़े शहरों का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। नगर निगम सीमा से सटे हुए क्षेत्र के गांवों की जमीनों पर सोसायटियां कालोनियां बसा रही हैं। इसके साथ ही विकास प्राधिकरण भी गांवों की जमीनों को लेकर आवासीय योजनाएं ला रहा है। कई कालोनियां ऐसी हैं जो कहने को तो शहर में हैं, लेकिन वो ग्राम पंचायत में आती हैं। नगर निगम पर ऐसी कालोनियों में विकास कराने का दबाव तो पड़ता है पर उनसे हाउस टैक्स नहीं लिया जा सकता। नगर विकास विभाग ने इसी के आधार पर शहरी सीमा के गांवों में बसी कालोनियों को नगर निगम सीमा में लाना चाहता है, जिससे इनका सुनियोजित विकास भी हो सके और इनसे हाउस टैक्स की वसूली भी हो सके।
क्या है नियम?
नगर निगम सीमा विकास प्राधिकरण सीमा से आठ किमी अधिक होता है। अगर सरकार चाहे तो इससे अधिक भी कर सकती है। मौजूदा समय विकास प्राधिकरणों के लिए 2031 का महायोजना तैयार करने का काम चल रहा है। इसके लिए शहरी सीमा अधिकतर बढ़े शहरों की तय कर दी गई है।
विकास प्राधिकरण का सीमा क्षेत्र
लखनऊ 1482 वर्ग किमी
कानपुर 1484 वर्ग किमी
वाराणसी 503 वर्ग किमी
गाजियाबाद 464 वर्ग किमी
शाहजहांपुर 198 वर्ग किमी
फिरोजाबाद 204 वर्ग किमी
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