मानेसर। पाकिस्तान से आये दिन ड्रोन्स पंजाब में भारतीय सीमा के भीतर हथियार और ड्रग्स की सप्लाई कर रहे हैं। यही नहीं इन ड्रोन्स की पहुंच आतंकियों तक हो गई है। कुछ महीनों पहले वेनेजुएला के राष्ट्रपति पर भी ड्रोन्स के जरिये हमला किया गया था जिसमे वो बाल बाल बच गए थे। खुफिया एजंसियों को आशंका है कि पाकिस्तान के आतंकी गुट ड्रोन्स के जरिये किसी भी बड़ी आतंकी करवाई को अंजाम दे सकते है। ऐसे में ये जरूरी है कि दुश्मन देश के इन ड्रोन्स से निपटने के लिए मुकम्मल तैयारी की जाए।
नेशनल सिक्योरिटी गार्ड ऐसे ड्रोन्स से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। गुरुग्राम में अपने स्थापना के 35 वी वर्ष गांठ पर एनएसजी ने अपने एन्टी ड्रोन्स सिस्टम का प्रदर्शन किया। एनएसजी ने हवा में ही दुश्मन देश की ड्रोन्स की पहचान कर उसे ज़मीन पर गिरा दिया। इसके लिए एनएसजी ने इलेक्ट्रो मैग्नेटिक पल्स का इस्तेमाल किया। इस टेक्नोलॉजी के जरिये किसी भी ड्रोन्स का सिग्नल जैम किया जा सकता है।
एन्टी ड्रोन सिस्टम के जरिये 3 किलोमीटर की रेंज में आने वाले हर एक UAV के सिग्नल को जैम किया जा सकता है। ये जीपीएस को ब्लॉक कर सकता है और साथ में जो उसका हैंडलर है उसकी भी पूरी सटीक जानकारी अपने कंट्रोल कमांड रूम तक भेज सकता है।
सर्वत्र सर्वोत्तम सुरक्षा ये हैं देश के राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड यानी एन एस जी. आज ही के दिन NSG की स्थापना हुई थी तब से लेकर आज तक अलग अलग ऑपरेशंस में NSG ने देश के दुश्मनों का ख़ात्मा किया है कुल मिला के 113 से ज़्यादा ऑपरेशंस और 60 से ज़्यादा आतंकियों को मार गिराया है। इस समय NSG के 5 हब है ।NSG में कुल मिला के 10, हज़ार से ज़्यादा जवान है और ये जवान भारतीय सेना और पैरामिलिट्री के अलग अलग विंग से आए हुए हैं।
अब हम आपको बता दें कि हाल के दिनों में सरकार ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड को और सशक्त किया है। ऑपरेशन ट्यूलिप के तहत जम्मू कश्मीर के हालात और आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए भी NSG को तैनात किया गया है। NSG इस समय 12 VVIP की सुरक्षा करती है और हर साल इसे रिव्यू करती है।
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