जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने सड़क निर्माण में अनियमितता बरतने वाले ठेकेदारों पर नजर रखने के लिये एक जिला सड़क नियंत्रण समिति बनाई है। यह समिति हर सड़क का डेटाबेस ‘सड़क कुंडली’ नाम से तैयार करेगी। इसमें सड़क का नंबर, उस पर आई लागत, किस ठेकेदार द्वारा बनाया जा रहा है, इसकी डिटेल दर्ज होगी। साथ ही जो सड़क बनेगी उनमें लॉटरी के जरिए किसी एक सड़क की जांच आईआईटी रुड़की से कराई जाएगी। यह फैसला डीएम अजय शंकर पांडेय ने अफसरों के साथ हुई बैठक में लिया।
कलेक्ट्रेट सभागार में सड़क नियंत्रण समिति की बैठक में जीडीए, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, यूपीएसआईडीसी, आवास एवं विकास परिषद, सिंचाई विभाग, ग्राम विकास से जुड़े अफसर शामिल हुए। बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए। डीएम की यह पूरे प्रदेश में पहली पहल होगी, जिसके तहत फर्जी भुगतान के खेल पर लगेगी। समिति का चेयरमैन जिला विकास अधिकारी रमेश रंजन को बनाया गया है।
समिति में पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियता सहित चार सदस्य होंगे। जीडीए, नगर निगम, आवास एवं विकास परिषद, पीडब्ल्यूडी आदि जो भी विभाग सड़क बनाएगा व टेंडर होने से पहले इसकी सूची समिति को देंगे। समिति इसका डाटा कंप्यूटर में दर्ज करेगी। इसके बाद समिति यह चेक करेगी कि कहीं इस सड़क को कोई दूसरा विभाग तो नहीं बना रहा है। अगर, कोई दूसरा विभाग उसे बना रहा है तो एनओसी नहीं दी जाएगी। अगर इस सड़क को कोई नहीं बना रहा होगा तो जिला सड़क नियंत्रण समिति विभाग को एनओसी जारी कर देगी। इससे सड़क की डुप्लीकेसी कर कथित फर्जी भुगतान का खेल नहीं चलेगा।
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