मंगलवार को लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर राज्य का पुनर्गठन कर जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने तथा अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प पेश किया। इसके बाद अमित शाह ने सदन में दिए बयान में कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) और अक्साई चिन सहित सम्पूर्ण जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है।
इसके बाद कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने जबरदस्त पलटवार किया। मनीष तिवारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर अगर आज भारत का अभिन्न अंग है तो वह पंडित जवाहरलाल नेहरू की वजह से है। कश्मीर पर सरकार के संकल्प का विरोध करते हुए कांग्रेस के सदस्य मनीष तिवारी ने लोकसभा में कहा कि संसद में आज जो हो रहा है, यह त्रासदी है।
लोकसभा में मनीष तिवारी ने कहा कि 1952 से लेकर जब-जब नये राज्य बनाये गये हैं या किसी राज्य की सीमाओं को बदला गया है तो बिना विधानसभा के विचार-विमर्श के नहीं बदला गया है। वहीं, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने संकल्प पेश किये जाने का विरोध करते हुए पूछा कि 1948 से संयुक्त राष्ट्र राज्य संबंधी निगरानी कर रहा है, यह बुनियादी प्रश्न है और सरकार को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए । उन्होंने शिमला समझौते, लाहौर समझौते को लेकर भी सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में तीन पूर्व मुख्यमंत्री नजरबंद हैं। अमरनाथ यात्रा को क्यों बंद किया गया है? जम्मू कश्मीर को जेलखाना बना दिया गया है। चौधरी ने कहा कि वह इस विषय पर सरकार से सिर्फ स्पष्टीकरण चाहते हैं।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा संकल्प का विरोध किये जाने पर शाह ने पूछा कि क्या कांग्रेस पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को भारत का हिस्सा नहीं मानती है? लेकिन हम इसके लिए जान भी देने को तैयार हैं। जम्मू कश्मीर का मतलब पाकिस्तान के कब्जे वाला (पीओके) और अक्साई चीन से भी है क्योंकि इसमें दोनों समाहित हैं।
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