उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र के उभ्भा गांव में जमीन कब्जों को लेकर हुई दस लोगों की मौत के मामले में रविवार को कड़ी कार्रवाई की। उन्होंने सोनभद्र के डीएम अंकित अग्रवाल व एसपी सलमान ताज पाटिल को हटा दिया। साथ ही दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने यह कार्रवाई अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी की सिफारिश के आधार पर की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को चार बजे अपने सरकारी आवास पर प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर यह घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि मिर्जापुर और सोनभद्र में साजिश कर एक लाख हेक्टयर जमीन पर कब्जा किया गया है। इसके लिए उन्होंने रेणुका कुमार की अध्यक्षता में मुख्य वन संरक्षक रमेश पाण्डेय और चार अन्य अधिकारियों की एक अन्य समिति बनाई है। यह समिति तीन महीने में मुख्यमंत्री को रिपोर्ट देगी।
रेणुका कुमार शनिवार को सोनभद्र कांड की जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी थी। इसमें डीएम और एसपी के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही आदर्श सहकारिता समिति के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई थी। मुख्यमंत्री ने रविवार को रेणुका कुमार की रिपोर्ट को मंजूर कर लिया।
मुख्यमंत्री ने मुख्य रूप से सोनभद्र के डीएम व एसपी को पूरी घटना के लिए जिम्मेदार माना है। उन्होंने वहां के डीएम अंकित अग्रवाल को हटाकर वहां पर नए डीएम एस राम लिंगम को तैनात कर दिया है। वहां तैनात पुलिस अधीक्षक सलमान ताज पाटिल को भी हटा दिया गया है। उनके स्थान पर प्रभाकर चौधरी की तैनाती की गई है। साथ ही हटाए गए दोनों डीएम व एसपी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के भी आदेश दिए गए हैं। बता दें कि समाजवादी पार्टी के कार्यकाल के दौरान सलमान ताज पाटिल गाज़ियाबाद के एसपी सिटी रह चुके हैं। उस समय भी उन्हें एक संप्रदाय विशेष के लोगों को संरक्षण देने का आरोप लग चुका है, हालांकि इस बात कि पुष्टि नहीं हो पाई थी, मगर पाटिल पर आरोप था कि उनके कार्यकाल के दौरान एक संप्रदाय विशेष के लोगों के खिलाफ एफ़आईआर तक नहीं लिखाई जा सकती थी।
आपको बता दें कि सोनभद्र के उभ्भा गांव में 112 बीघा खेत के लिए बीते 17 जुलाई को 10 ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया गया था। लगभग चार करोड़ रुपए की कीमत की 112 बीघा जमीन के लिए ग्राम प्रधान यज्ञदत्त गुर्जर 32 ट्रैक्टर लेकर पहुंचा था। इन ट्रैक्टरों पर लगभग 60 से 70 लोग सवार थे। यह लोग अपने साथ लाठी-डंडा, भाला-बल्लम और राइफल और बंदूक लेकर आए थे। गांव में पहुंचते ही इन लोगों ने ट्रैक्टरों से खेत जोतना शुरू कर दिया। जब ग्रामीणों ने विरोध किया तो यज्ञदत्त और उनके लोगों ने ग्रामीणों पर लाठी-डंडा, भाला-बल्लम के साथ ही राइफल और बंदूक से भी गोलियां चलानी शुरू कर दी। जिसमें मौके पर ही सात लोग की मौत हो गई। बाकी तीन ने अस्पताल जाते समय दम तोड़ दिया था।
इस मामले में 26 आरोपितों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच न्यायालय में पहली पेशी के लिए लाया गया। विशेष न्यायाधीश एससी एसटी कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान सभी आरोपितों की कोर्ट में हाजिरी हुई। उसके बाद उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में वापस जिला जेल पहुंचा दिया गया। आरोपितों की अगली पेशी 13 अगस्त को होगी।
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