भारत में मौसम में बदलाव का दौर आ गया है, और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने आगामी दिनों के लिए मौसम को लेकर कुछ महत्वपूर्ण चेतावनियाँ दी हैं। आइएमडी के अनुसार, शनिवार से पूर्वी भारत में एक नई लू की लहर शुरू हो सकती है, जो विशेष रूप से उत्तर-पूर्वी भारत को प्रभावित कर सकती है। इसके साथ ही देश के उत्तर-पश्चिम और मध्य हिस्सों में अगले चार से पांच दिनों तक बारिश और आंधी-तूफान की संभावना जताई गई है।
लू की लहर और इसके प्रभाव आइएमडी ने बताया कि 13 मई तक उत्तर-पूर्वी भारत में भारी बारिश, आंधी, और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा, 11 से 12 मई के बीच हिमालय के उप-क्षेत्रों, बंगाल, और सिक्किम के कुछ हिस्सों में लू की स्थिति बनने की संभावना है। यह लू की लहर गर्मी की बढ़ती तीव्रता और नमी के कारण अत्यधिक गर्मी का कारण बन सकती है।
विशेष रूप से, गंगा के किनारे वाले बंगाल, बिहार और ओडिशा, और झारखंड में 12 से 14 मई के दौरान लू की स्थिति का अनुमान है। इसके अलावा, 14 से 15 मई तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी लू की स्थिति का असर देखने को मिल सकता है। इस दौरान, गर्मी से बचने के लिए लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है।
आंधी-तूफान का असर दूसरी ओर, देश के अन्य हिस्सों में अगले कुछ दिनों में बारिश और आंधी-तूफान की घटनाएँ हो सकती हैं, जो तापमान को कुछ हद तक कम करने में मदद कर सकती हैं। हालांकि, इस दौरान तेज हवाओं और मूसलधार बारिश के कारण किसानों, व्यापारियों और यात्रियों को विशेष ध्यान रखना चाहिए।
आम जनता के लिए सलाह आइएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि अप्रैल में राजस्थान, गुजरात, और पूर्वी मध्य प्रदेश में सामान्य से अधिक हीटवेव-डे दर्ज किए गए थे, और मई में भी देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान देखने को मिल सकता है। लेकिन, आंधी-तूफान की घटनाएँ गर्मी की तीव्रता को कम कर सकती हैं। इसलिए, आम जनता को हाइड्रेटेड रहना, सूरज की सीधी रोशनी से बचना, और ठंडे स्थानों पर रहने की सलाह दी जाती है।
जलवायु परिवर्तन और मौसम में उतार-चढ़ाव भारत में मौसम में यह उतार-चढ़ाव जलवायु परिवर्तन का परिणाम हो सकता है, जिससे भविष्य में और अधिक अनियमित और चरम मौसम घटनाएँ देखने को मिल सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस प्रकार की स्थिति लगातार बनी रहती है, तो यह किसानों और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था पर भारी असर डाल सकता है। इसलिए, लोगों को अपने आसपास के मौसम का अनुमान लगाते हुए सतर्क रहना चाहिए और अपने सुरक्षा उपायों को मजबूत करना चाहिए।
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