भारत और पाकिस्तान की सीमा पर हालात लगातार संवेदनशील होते जा रहे हैं। ऐसे में राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रक्षा मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया यूज़र्स से आग्रह किया है कि वे रक्षा अभियानों और सेना की मूवमेंट से जुड़ी किसी भी जानकारी का लाइव कवरेज या वास्तविक समय में प्रसारण करने से परहेज करें।
यह एडवाइजरी केबल टेलीविजन नेटवर्क्स (संशोधन) नियम 2021 के तहत जारी की गई है, जिसकी जानकारी रक्षा मंत्रालय ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी साझा की।
क्या कहा रक्षा मंत्रालय ने?
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि लाइव कवरेज या रियल टाइम रिपोर्टिंग के दौरान अगर सेना की मूवमेंट या ऑपरेशनल गतिविधियों की जानकारी प्रसारित होती है, तो इससे देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है। रक्षा मंत्रालय ने अपने संदेश में लिखा:
“सभी मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और व्यक्तियों को सलाह दी जाती है कि वे लाइव कवरेज या रियल टाइम रिपोर्टिंग के दौरान रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की मूवमेंट साझा न करें। यह सलाह राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में दी गई है।”
क्यों है यह एडवाइजरी जरूरी?
मंत्रालय ने बताया कि अतीत में कारगिल युद्ध (1999), 26/11 मुंबई आतंकी हमले (2008), और कांधार हाईजैक जैसी घटनाओं के दौरान मीडिया द्वारा की गई संवेदनशील रिपोर्टिंग से कई बार राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। यही कारण है कि अब भविष्य की किसी भी संभावित जोखिम को टालने के लिए एडवाइजरी को सख्ती से लागू करने की कोशिश की जा रही है।
गृह मंत्रालय की चेतावनी भी
गृह मंत्रालय ने भी केबल टेलीविजन नेटवर्क्स (संशोधन) नियम 2021 का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य या सुरक्षा से जुड़ी कोई भी सूचना केवल अधिकृत प्रेस ब्रीफिंग के माध्यम से ही जारी की जाए। मीडिया से अपील की गई है कि वे ऐसी किसी भी जानकारी को सार्वजनिक न करें, जो ऑपरेशन की गोपनीयता और सेना की रणनीति को उजागर कर सकती है।
सोशल मीडिया यूजर्स को भी चेतावनी
यह एडवाइजरी सिर्फ टीवी चैनलों और न्यूज़ पोर्टल्स तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आम सोशल मीडिया यूज़र्स को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है। कोई भी आम नागरिक अगर किसी सैन्य मूवमेंट की फोटो या वीडियो साझा करता है, तो वह अनजाने में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।
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