पहलगाम आतंकी हमले के ठीक 15 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। इस जवाबी कार्रवाई में भारतीय वायुसेना और मिसाइल यूनिट्स ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिससे आतंकवादियों का नेटवर्क पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। भारत की इस निर्णायक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में अफरा-तफरी का माहौल है।
पाकिस्तान सरकार अब न केवल आंतरिक संकट से जूझ रही है, बल्कि उसकी आर्थिक स्थिति और भी खराब हो गई है। पाकिस्तान के इकोनॉमिक अफेयर्स डिवीजन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए अंतरराष्ट्रीय साझेदारों और वर्ल्ड बैंक से खुले तौर पर मदद की गुहार लगाई है। इस पोस्ट में युद्ध के चलते आर्थिक स्थिति चरमरा जाने, शेयर बाजार में गिरावट और आतंकी ठिकानों के नष्ट होने की बात स्वीकार की गई है।
हालांकि, जब दुनिया भर में पाकिस्तान की इस “भीख मांगने” की नीति की आलोचना हुई, तब पाक सरकार ने सफाई दी कि उनका एक्स अकाउंट हैक कर लिया गया था। लेकिन जानकार इसे ‘डैमेज कंट्रोल’ की कोशिश बता रहे हैं।
चीन की सतर्क प्रतिक्रिया भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चीन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, “हम भारत और पाकिस्तान दोनों के पड़ोसी हैं। हम सभी तरह के आतंकवाद का विरोध करते हैं और चाहते हैं कि दोनों देश संयम बरतें, शांतिपूर्ण समाधान खोजें और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करें।”
चीन की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान की ओर से भारत के कई शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की गई, लेकिन भारतीय वायुसेना ने तीन पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को मार गिराया।
पाकिस्तान में भारी तबाही भारत की जवाबी कार्रवाई इतनी सटीक और व्यापक थी कि पाकिस्तान के कई शहरों में भारी तबाही हुई है। कई आतंकी अड्डे पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, इस कार्रवाई में दर्जनों आतंकी मारे गए और पाकिस्तान के रणनीतिक संसाधनों को बड़ा नुकसान हुआ है।
अब पाकिस्तान की स्थिति इतनी बदहाल हो गई है कि उसे विदेशों से उधारी मांगने की नौबत आ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पाकिस्तान ने अपनी नीतियों में बदलाव नहीं किया, तो आर्थिक और कूटनीतिक रूप से वह पूरी तरह अलग-थलग पड़ सकता है।
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