भारत की सशस्त्र सेनाओं ने 6 से 7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर के तहत एक ऐतिहासिक और सटीक हमला किया। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने महज 25 मिनट में आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाते हुए लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालयों सहित उनके नौ आतंकी प्रशिक्षण ठिकानों को नष्ट कर दिया। सेना ने इस हमले में 24 मिसाइलों का उपयोग किया, जिनके माध्यम से पांच ठिकाने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओजेके) और चार ठिकाने पाकिस्तान में स्थित थे।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक हमले की मिसाल ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की रणनीतिक सटीकता और समर्पण को प्रदर्शित करता है। इस हमले में, सेना ने उन आतंकी शिविरों को निशाना बनाया, जहां आतंकवादियों को भर्ती किया जाता था और उन्हें प्रशिक्षित किया जाता था। इनमें से कई आतंकी संगठनों के ठिकाने थे, जिनका उद्देश्य भारत की सुरक्षा को खतरे में डालना था। इस सटीक हमले में आतंकवादी मसूद अजहर के परिवार के दस सदस्य भी मारे गए, जो इस कार्रवाई के गंभीर परिणामों को और अधिक स्पष्ट करता है।
सरकार और विपक्ष की प्रतिक्रिया ऑपरेशन के बाद भारतीय सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे। कांग्रेस पार्टी ने आतंकवाद के खिलाफ सरकार के कदमों का समर्थन करते हुए पार्टी के सभी निर्धारित कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया और सेना के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी भी बैठक में उपस्थित थे, जिन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारतीय नीति की स्पष्टता की सराहना की।
प्रधानमंत्री मोदी का दौरा रद्द इस तनावपूर्ण माहौल में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 से 17 मई के बीच नॉर्वे, क्रोएशिया और नीदरलैंड के दौरे को रद्द कर दिया। यह कदम दर्शाता है कि सरकार अपनी प्राथमिकता में सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों को सर्वोच्च मानती है।
सेना की तैयारियाँ और पाकिस्तान की गतिविधियाँ ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में आतंकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। सेना पाकिस्तान की संभावित हरकतों के प्रति उच्च अलर्ट पर है और नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा बलों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा गया है।
भविष्य की रणनीति सर्वदलीय बैठक में सरकार ने विपक्ष को ऑपरेशन सिंदूर के बाद की जवाबी कार्रवाई और भविष्य की रणनीति के बारे में जानकारी दी। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बैठक में शामिल होने की मांग की थी, ताकि आतंकवाद के खिलाफ भारत की राष्ट्रीय नीति और भविष्य की तैयारियों के बारे में चर्चा की जा सके।
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