“एक चुटकी सिंदूर की कीमत क्या होती है, अब पाकिस्तान को समझ आ गया है।” कारगिल योद्धा दीपचंद के ये शब्द आज हर देशवासी की भावनाओं का प्रतिबिंब हैं। पुलवामा हमले जैसी नृशंस आतंकी घटनाओं का जवाब आखिरकार भारतीय सेना ने पूरी दृढ़ता और शौर्य के साथ दे दिया है। मंगलवार देर रात भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के 9 ठिकानों को तबाह कर दिया।
कैसे चला ऑपरेशन सिंदूर? रात करीब 12:45 बजे भारतीय सेना ने पहला मिसाइल हमला किया। ऑपरेशन में कुल 24 मिसाइलें दागी गईं, जो जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के ट्रेनिंग कैंपों, लॉन्च पैड्स और हेडक्वार्टर पर केंद्रित थीं। इस कार्रवाई की खास बात यह रही कि भारतीय लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान की हवाई सीमा का उल्लंघन किए बिना ही इन हमलों को अंजाम दिया – यह भारतीय सैन्य रणनीति की पराकाष्ठा को दर्शाता है।
सेना के शौर्य पर देश को गर्व इस ऑपरेशन ने पूरे देश में उत्साह और गर्व की लहर दौड़ा दी है। नासिक से कारगिल योद्धा दीपचंद ने इसे “इतिहास बनाने वाला क्षण” बताया। उन्होंने कहा, “अब वक्त आ गया है कि पीओके को भारत में मिलाया जाए। दुनिया भी अब इसे भारत का आंतरिक मामला मान रही है।”
सरकारी समर्थन और भावनाएं गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर कहा, “अब वक्त आ गया है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को भारत के अधीन लाया जाए। पाकिस्तान ने हमेशा आतंक को पनाह दी है, लेकिन अब भारत चुप नहीं बैठेगा।” शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने महाराष्ट्र की कुलदेवी श्री तुलजाभवानी के दर्शन कर आशीर्वाद भी लिया।
अब आगे क्या? यह सैन्य कार्रवाई न केवल आतंक के खिलाफ संदेश है, बल्कि यह भी संकेत है कि भारत अब कूटनीतिक संकोचों को पीछे छोड़कर अपने हितों की रक्षा के लिए हर कदम उठाने को तैयार है। पाकिस्तान की सीमाओं के भीतर मौजूद आतंकी ढांचों को खत्म करना सिर्फ एक शुरुआत है – अब देश में यह भावना बलवती हो रही है कि “पीओके हमारा है और उसे अब वापस आना ही होगा।”
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