वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत की आर्थिक विकास दर (GDP ग्रोथ रेट) को लेकर नया अनुमान जारी किया है। मूडीज ने 2025 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है। इसके पीछे मुख्य कारण वैश्विक नीतियों में बढ़ती अनिश्चितता, व्यापारिक गतिविधियों में रुकावट, और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को बताया गया है।
क्यों घटा अनुमान? मूडीज का कहना है कि वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था की स्थिति डगमगाई हुई है। अमेरिका और चीन जैसे बड़े देशों की आर्थिक नीतियों में बदलाव, व्यापार युद्ध की आशंका और वित्तीय बाजारों में लगातार अस्थिरता ने निवेशकों की धारणा पर असर डाला है। कंपनियां और वैश्विक निवेशक अपनी रणनीतियों में बदलाव कर रहे हैं, जिससे व्यापारिक फैसलों में देरी हो रही है और इसका असर भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर भी पड़ रहा है।
भारत-पाक तनाव भी एक बड़ा कारण मूडीज ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी, ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को और गहरा कर दिया है। यह भू-राजनीतिक तनाव निवेशकों के लिए चिंता का विषय है और भारत की आर्थिक गतिविधियों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
2026 के लिए भरोसा कायम हालांकि, मूडीज को भरोसा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 2025 में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, जिससे मांग को सहारा मिलेगा और ग्रोथ फिर से रफ्तार पकड़ सकती है। इसीलिए, 2026 के लिए मूडीज ने भारत की ग्रोथ रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है।
वैश्विक मंदी की आहट मूडीज ने न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती की चेतावनी दी है। अमेरिका की 2025 की ग्रोथ रेट को 2% से घटाकर 1% कर दिया गया है, जबकि चीन की विकास दर 2024 के 5% से घटकर 2025 में 3.8% और 2026 में 3.9% रहने की उम्मीद है। एजेंसी का कहना है कि वैश्विक निवेश और व्यापार पर नीतिगत अस्थिरता का गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
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