हाल ही में केंद्र सरकार ने जाति जनगणना कराने की घोषणा की थी, जिसे लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस संदर्भ में, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे तेलंगाना मॉडल पर आधारित कास्ट सर्वे करवाएं। खरगे का कहना है कि जाति जनगणना के माध्यम से समाज के सभी वर्गों को समान अवसर मिलेंगे और इससे सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा।
कांग्रेस का दृष्टिकोण
मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर जाति जनगणना पर सभी राजनीतिक पार्टियों से सलाह मशविरा करने की मांग की है। उनका मानना है कि जाति जनगणना का उद्देश्य समाज के पिछड़े, उत्पीड़ित और हाशिए पर पड़े वर्गों को उनके अधिकार देने के लिए है, न कि किसी तरह के विभाजन को बढ़ावा देने के लिए। खरगे ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी का मानना है कि जाति जनगणना से समाज के सभी वर्गों को बराबरी का दर्जा और अवसर मिलेगा, जैसा कि हमारे संविधान की प्रस्तावना में उल्लेखित है।
तेलंगाना मॉडल की महत्वता
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पत्र में तेलंगाना राज्य के जाति सर्वे मॉडल की सराहना की है, जिसमें प्रत्येक जाति के आर्थिक और सामाजिक स्थिति को विस्तार से दर्ज किया गया था। खरगे का कहना है कि इस मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने से समाज में असमानताएं और भेदभाव कम होंगे और आरक्षण की नीतियों का और अधिक प्रभावी तरीके से पुनः मूल्यांकन किया जा सकेगा।
आरक्षण नीति में सुधार की जरूरत
मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री से यह भी अपील की है कि आरक्षण से जुड़ी 50 प्रतिशत की सीमा को हटाया जाए, ताकि समाज के अधिक वर्गों को इसका लाभ मिल सके। इसके साथ ही, उन्होंने अनुच्छेद 15(5) के तहत एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों को निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण दिए जाने की मांग की है।
कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने खरगे की मांग का समर्थन करते हुए एक पोस्ट शेयर किया। उन्होंने लिखा कि 2 मई को हुई CWC की बैठक के बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने सरकार से तीन प्रमुख मांगें की हैं। जयराम रमेश ने यह भी बताया कि पहलगाम हमले के बाद एक तरफ देश में गुस्से की लहर है, वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी ने जाति जनगणना पर यू-टर्न लिया है।
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