रविवार की रात उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के चमनगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत प्रेम नगर मोहल्ला उस वक्त मातम में डूब गया, जब एक चार मंजिला इमारत में लगी भीषण आग ने एक ही परिवार के पांच सदस्यों की जान ले ली। यह हादसा सिर्फ एक अग्निकांड नहीं था, बल्कि सिस्टम की लापरवाही और अवैध फैक्ट्री संचालन का एक भयावह परिणाम बन गया।
जलती इमारत में दफन हो गए सपने मृतकों में मोहम्मद दानिश (45), उनकी पत्नी नाजमी सबा (42) और उनकी तीन बेटियां – सारा (15), सिमरा (12) और इनाया (7) शामिल हैं। ये सभी चौथी मंजिल पर फंसे हुए थे, जहां तक दमकलकर्मियों की पहुंच बहुत देर से हो पाई। जब तक उन्हें बाहर निकाला गया, तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था।
जूता फैक्ट्री बना मौत का कारण बताया जा रहा है कि इमारत के भूतल और दो मंजिलों पर जूता-चप्पल बनाने की अवैध फैक्ट्री चल रही थी। इस फैक्ट्री में बड़ी मात्रा में ज्वलनशील रसायन जैसे डेंड्राइड और पेट्रोल रखा गया था, जो आग लगने के बाद बार-बार विस्फोट और आग की लपटों को और भीषण बना रहा था। चश्मदीदों के मुताबिक, आग पहले बेसमेंट में लगी और मात्र 20 मिनट में चौथी मंजिल तक पहुंच गई।
दमकल की चुनौती: धुआं, रसायन और संकरी सीढ़ियां आग लगने के बाद दमकल विभाग की 10 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। 70 से अधिक फायर फाइटर्स ने लगातार 7 घंटे तक ऑपरेशन चलाया। शुरू में संकरी सीढ़ियों और घने धुएं के कारण दमकलकर्मियों को भीतर जाना मुश्किल हुआ। बाद में हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म की मदद से ऊपरी मंजिलों तक पहुंच बनाई गई। हालांकि तब तक कई कीमती जानें जा चुकी थीं।
तेज धमाकों से मचा हड़कंप, सिलेंडर ब्लास्ट की आशंका स्थानीय निवासियों ने तीन तेज धमाके सुने, जिससे सिलेंडर ब्लास्ट की आशंका जताई जा रही है। रेस्क्यू के दौरान लगातार आग भड़कती रही, जिससे राहत कार्य बाधित होता रहा। पुलिस ने आसपास की 6 इमारतों को खाली करवाकर निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा।
अनियंत्रित निर्माण और नियमों की अनदेखी बनी जानलेवा यह सवाल अब उठ रहा है कि एक रिहायशी इलाके में इस तरह का अवैध औद्योगिक संचालन कैसे हो रहा था? क्या स्थानीय प्रशासन और फायर विभाग ने कभी निरीक्षण किया था? इमारत में सुरक्षा के मानकों का पूरी तरह अभाव था – न तो फायर एग्जिट था, न ही अलार्म सिस्टम।
पुनरावृत्ति रोकने के लिए ज़रूरी है सख्त कदम यह हादसा स्वरूप नगर की उस हालिया घटना की भी याद दिलाता है, जहां रेस्टोरेंट में लगी आग के कारण ऊपरी मंजिलों में धुआं भर गया था और एक महिला बेहोश हो गई थी। दोनों घटनाएं आग से ज़्यादा प्रशासनिक लापरवाही का प्रमाण हैं।
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