गोवा के शिरगाओ गांव स्थित प्रसिद्ध लैराई देवी मंदिर में शनिवार तड़के हुई भगदड़ ने न केवल धार्मिक उत्सव को झकझोर दिया, बल्कि कई परिवारों को अपूरणीय क्षति भी दी। इस हादसे में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और 50 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं। यह घटना श्री लैराई देवी जात्रा के दौरान घटी, जो हर साल उत्तरी गोवा में आयोजित होती है और हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।
घटनास्थल पर हाहाकार शनिवार को, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मंदिर के पारंपरिक अग्नि-चलन अनुष्ठान को देखने और उसमें हिस्सा लेने के लिए उमड़ी। इस दौरान, शिरगाओ गांव के पहाड़ी रास्ते पर ढलान के कारण भीड़ का नियंत्रण खो गया और भगदड़ मच गई। जब लोग नंगे पांव जलते अंगारों पर चलते हुए रस्म पूरी कर रहे थे, तो भीड़ में अस्थिरता पैदा हो गई, जिससे यह भयावह दुर्घटना घटी।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जैसे ही भीड़ एक साथ आगे बढ़ी, स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। स्थानीय लोग और मंदिर के स्वयंसेवकों ने घायल लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश की, लेकिन स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि कई लोग मारे गए और अन्य घायल हो गए।
प्रशासन और सुरक्षा की कमी शुरुआत में बताया गया कि इस भगदड़ के पीछे भीड़भाड़ और उचित व्यवस्था की कमी एक बड़ा कारण बन सकती है। मंदिर में इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के लिए उचित सुरक्षा उपायों और भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था की आवश्यकता थी, जो इस घटना के बाद प्रमुख मुद्दा बन गया है। हालांकि, राज्य सरकार ने यात्रा के दौरान सुरक्षा के लिए लगभग 1,000 पुलिस कर्मियों को तैनात किया था, और हवाई निगरानी के लिए ड्रोन भी लगाए गए थे, लेकिन फिर भी यह हादसा टल न सका।
नेताओं और अधिकारियों की प्रतिक्रियाएँ घटना के बाद, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल लिया और राज्य प्रशासन की ओर से प्रभावित लोगों की सहायता करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता घायलों का इलाज और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद पहुंचाना है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर दुख जताते हुए कहा, “गोवा के शिरगाओ में भगदड़ के कारण हुई जान-माल की हानि से दुखी हूं। अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अपनी संवेदनाएँ व्यक्त की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
श्री लैराई देवी यात्रा: एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व श्री लैराई देवी यात्रा हर साल उत्तरी गोवा में आयोजित होती है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस यात्रा में लोग पारंपरिक अग्नि-चलन अनुष्ठान में भाग लेते हैं, जिसमें नंगे पांव जलते अंगारों पर चलने की रस्म होती है। इस अनुष्ठान को देखने और उसमें भाग लेने के लिए हजारों भक्त हर साल शिरगाओ गांव पहुंचते हैं।
इस मंदिर की स्थापत्य शैली भी अद्वितीय है, जिसमें उत्तरी और दक्षिणी स्थापत्य शैलियों का मिश्रण है। यह मंदिर गोवा के प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है और यहां हर साल शिरगाओ जात्रा का आयोजन होता है, जिसमें देशभर से श्रद्धालु आते हैं।
आगे की दिशा इस दुर्घटना ने गोवा सरकार और प्रशासन को भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता की याद दिलाई है। अधिकारियों ने पहले ही घटनास्थल पर मौजूद लोगों से जानकारी ली है और यह सुनिश्चित किया है कि इस प्रकार की घटना भविष्य में न हो।
गोवा सरकार को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों, इसके लिए यात्रा के दौरान उचित व्यवस्थाएं की जाएं, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और कोई और जान-माल का नुकसान न हो।
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