अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एक बड़ा प्रशासनिक फैसला लिया, जिसमें माइक वाल्ट्ज को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका का नया दूत नियुक्त किया और विदेश मंत्री मार्को रुबियो को कार्यवाहक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंप दी। यह घोषणा अमेरिकी प्रशासन में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती है, जो सुरक्षा और कूटनीतिक दृष्टिकोण से बड़े असर डाल सकती है।
रूबियो को मिला नया जिम्मा: कार्यवाहक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
रूबीओ, जो पहले से ही विदेश मंत्री के रूप में कार्यरत थे, को अब अतिरिक्त जिम्मेदारी के तौर पर कार्यवाहक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का पद सौंपा गया है। यह निर्णय प्रशासन के भीतर सुरक्षा और कूटनीतिक मामलों पर एक समग्र दृष्टिकोण के तहत लिया गया है। रुबियो की नियुक्ति से यह संकेत मिलता है कि ट्रंप प्रशासन अपनी कूटनीति और सुरक्षा रणनीतियों में समन्वय बनाए रखना चाहता है।
माइक वाल्ट्ज की नियुक्ति: संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी दूत
माइक वाल्ट्ज, जो पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में कार्य कर रहे थे, अब संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के नए राजदूत के रूप में सेवा देंगे। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा कि वाल्ट्ज ने युद्ध के मैदान से लेकर कांग्रेस तक और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा। उनके नेतृत्व में, अमेरिका ने कई अहम सुरक्षा और कूटनीतिक मोर्चों पर सफलता प्राप्त की है।
वाल्ट्ज का विवाद: सैन्य योजनाओं पर चर्चा
हालांकि, माइक वाल्ट्ज की नियुक्ति के पहले एक विवाद ने तूल पकड़ा था, जब यह खबर सामने आई कि उन्होंने सिग्नल चैट में एक पत्रकार को जोड़ा था, जिसका उपयोग सैन्य योजनाओं पर चर्चा के लिए किया जा रहा था। इस घटना के बाद, वह आलोचनाओं का सामना कर रहे थे। बावजूद इसके, ट्रंप ने उनकी सेवाओं की सराहना की और उन्हें संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका का राजदूत नियुक्त करने की घोषणा की।
ट्रंप का बयान: राष्ट्रहित को प्राथमिकता देना
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वाल्ट्ज और रुबियो दोनों ही लंबे समय से राष्ट्रहित के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने दोनों नेताओं को उनके नए पदों पर शुभकामनाएं दीं और विश्वास जताया कि वे अपनी जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभाएंगे।
आगे की दिशा: सुरक्षा और कूटनीति में समन्वय
ट्रंप प्रशासन की यह नियुक्ति अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतियों में समन्वय की दिशा को मजबूती देती है। ट्रंप ने कहा कि उनका उद्देश्य अमेरिका और दुनिया को फिर से सुरक्षित बनाना है, और इसके लिए वे सभी मिलकर अथक प्रयास करेंगे।
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