भारतीय राजनीति के महत्वपूर्ण क्षणों में से एक, गुरुवार को लखनऊ में हुआ, जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक दिवसीय दौरे पर शहर का रुख किया। उनका यह दौरा न केवल यूपी राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के जीवन पर आधारित पुस्तक “चुनौतियां मुझे पसंद हैं” के विमोचन के लिए था, बल्कि इसने यूपी की राजनीतिक और सांस्कृतिक धारा में भी नई प्रेरणा का संचार किया।
यह विशेष कार्यक्रम जानकीपुरम स्थित ए.के.टी.यू (अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय) में आयोजित किया गया, जिसमें राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केशव प्रसाद मौर्य, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र जैसे महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्तियों ने भाग लिया। स्वामी चिदानंद सरस्वती भी इस कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहे।
उपराष्ट्रपति का स्वागत और कार्यक्रम की शुरुआत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बक्शी का तालाब स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर उपराष्ट्रपति का गर्मजोशी से स्वागत किया, और उनके साथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी मौजूद थीं। कार्यक्रम की शुरुआत उपराष्ट्रपति के आगमन से हुई, और इसके बाद राज्यपाल की जीवन यात्रा पर आधारित इस पुस्तक का विमोचन हुआ।
“चुनौतियां मुझे पसंद हैं” – एक प्रेरणादायक कृति
इस पुस्तक के विमोचन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी में महाकुंभ के बाद यह पहला सार्वजनिक कार्यक्रम है जिसमें उपराष्ट्रपति का आगमन हुआ है। उन्होंने पुस्तक के महत्व को बताते हुए इसे राज्यपाल के जीवन के हर पहलू को 14 अध्यायों में संजोए जाने के रूप में परिभाषित किया। उनका कहना था कि जैसे समुद्र मंथन से 14 रत्न निकले थे, वैसे ही यह पुस्तक भी विविधता और प्रेरणा का खजाना है।
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के संघर्षपूर्ण जीवन की सराहना करते हुए कहा कि एक किसान परिवार में जन्म लेकर राज्यपाल ने शून्य से शिखर तक की यात्रा तय की। उनकी जीवन यात्रा, शिक्षा, राजनीति और समाज सेवा के प्रति उनके योगदान को इस पुस्तक में बेहतरीन तरीके से समाहित किया गया है।
“चुनौतियां मुझे पसंद हैं”: पुस्तक से आगे बढ़ते हुए विचार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि यह किताब एक नई प्रेरणा का स्रोत बनेगी, खासकर उन लोगों के लिए जो अपनी यात्रा में किसी भी कठिनाई से घबराते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमें शिखर को देखते हुए उसके नीचे की नींव की मेहनत को नहीं भूलना चाहिए। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने अपनी कड़ी मेहनत, संघर्ष और मेहनत से जो मुकाम हासिल किया है, उसे जानकर हमें भी आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।
महाकुंभ और लोकतंत्र की ताकत
सीएम योगी ने महाकुंभ का उल्लेख करते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति की उपस्थिति ने उसे वैश्विक स्तर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और मार्गदर्शन से संभव हुआ। इस दौरान उपराष्ट्रपति ने लोकतंत्र की शक्ति और अभिव्यक्ति की अहमियत पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तब भी कमजोर पड़ता है जब सुनने वाला तैयार नहीं होता। यह पुस्तक, लोकतंत्र की कृति बनकर लोगों को अभिव्यक्ति की शक्ति का अहसास कराएगी और उनके जीवन के संघर्षों को भी उजागर करेगी।
उपराष्ट्रपति के स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी
उपराष्ट्रपति ने अपने स्वास्थ्य को लेकर भी कुछ बातें साझा की। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले उनकी तबियत ठीक नहीं थी, लेकिन जैसे ही वे स्वस्थ हुए, उन्होंने पूरे देश का दौरा करना शुरू किया। यह उनके उत्साह और लोकतंत्र के प्रति उनके प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
इस अवसर पर उन्होंने किताब के विमोचन के साथ-साथ लोकतंत्र की ताकत और उसकी अभिव्यक्ति पर भी बात की। उन्होंने लोकतंत्र को केवल एक शासन व्यवस्था नहीं, बल्कि एक जीवित प्रक्रिया बताया, जिसमें हर नागरिक का योगदान आवश्यक है।
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