प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुंबई में आयोजित WAVES 2025 – विश्व ऑडियो विजुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन में देश और दुनिया के कलाकारों, इनोवेटर्स और नीति निर्माताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत इस समय एक “क्रिएटिविटी की लहर” के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने भारत में ऑरेंज इकोनॉमी के उदय की घोषणा करते हुए कहा कि कंटेंट, क्रिएटिविटी और कल्चर – ये तीन स्तंभ भारत की नई आर्थिक शक्ति बन रहे हैं।
ग्लोबल क्रिएटिव इको-सिस्टम की नींव
WAVES 2025 सम्मेलन में दुनिया के 100 से अधिक देशों से आए क्रिएटर्स, इन्वेस्टर्स और नीति निर्माता मुंबई में एकत्र हुए। इस अवसर को ऐतिहासिक बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह केवल एक सम्मेलन नहीं, बल्कि एक लहर है – कल्चर की, क्रिएटिविटी की और यूनिवर्सल कनेक्ट की। WAVES अब एक ऐसा ग्लोबल प्लेटफॉर्म बन चुका है, जो हर कलाकार और हर युवा क्रिएटर का है।”
उन्होंने यह भी कहा कि WAVES सिर्फ एक संक्षेप (acronym) नहीं, बल्कि एक आंदोलन है – जो भारत की संस्कृति को वैश्विक मंच पर स्थापित करने जा रहा है।
‘Create in India, Create for the World’ का मंत्र
प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि आज का समय ‘Create in India, Create for the World’ का है। भारत की हज़ारों साल पुरानी कहानियों, लोककथाओं और सांस्कृतिक विरासत में वह शक्ति है, जो वैश्विक स्टोरीटेलिंग को एक नई दिशा दे सकती है।
“आज जब दुनिया नई कहानियों और प्रस्तुतिकरण की नई विधाओं की तलाश में है, तब भारत के पास थॉट-प्रोवोकिंग और टाइमलेस कहानियों का खजाना है,” उन्होंने कहा।
ऑरेंज इकोनॉमी – नई अर्थव्यवस्था का चमकता चेहरा
प्रधानमंत्री मोदी ने ऑरेंज इकोनॉमी की अवधारणा पर बल दिया, जो कि कंटेंट, क्रिएटिविटी और कल्चर पर आधारित एक आर्थिक मॉडल है। उन्होंने कहा, “आज भारत में क्रिएटिविटी की एक नई लहर चल रही है। क्रिएटर्स देश की अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा भर सकते हैं और भारत सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।”
उन्होंने यह भी बताया कि भारत में डिजिटल प्लेटफॉर्म, एनीमेशन, गेमिंग, संगीत और फिल्म जैसे क्षेत्रों में जबरदस्त संभावनाएं हैं, और अब समय है कि भारत इस रचनात्मक ऊर्जा को वैश्विक मंच तक पहुँचाए।
भारतीय सिनेमा: अतीत से भविष्य तक
पीएम मोदी ने 3 मई 1913 को रिलीज हुई पहली भारतीय फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र का उल्लेख करते हुए निर्माता दादासाहेब फाल्के को श्रद्धांजलि दी और बताया कि कैसे भारतीय सिनेमा ने बीते एक सदी में देश को दुनिया के कोने-कोने तक पहुँचाया।
उन्होंने यह भी साझा किया कि अब भारतीय फिल्में 100 से अधिक देशों में रिलीज होती हैं और विदेशी दर्शक भी भारतीय कहानियों को सराह रहे हैं।
‘सबका प्रयास’ से WAVES को मिलेगी नई ऊंचाई
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘सबका प्रयास’ की भावना को दोहराते हुए कहा कि हर कलाकार, हर इनोवेटर और हर निवेशक के संयुक्त प्रयास से WAVES को आने वाले वर्षों में नई ऊंचाइयों पर ले जाया जाएगा।
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