संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद का पोषक बताते हुए ‘दुष्ट राज्य’ करार दिया है। भारत की उप-स्थायी प्रतिनिधि राजदूत योजना पटेल ने वैश्विक मंच पर पाकिस्तान की दोहरी नीति और आतंकवाद के प्रति उसके रवैये की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि अब दुनिया के सामने पाकिस्तान की असलियत पूरी तरह उजागर हो चुकी है।
राजदूत योजना पटेल ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान जैसे प्रतिनिधिमंडल ने इस अंतरराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग कर भारत के खिलाफ निराधार आरोप लगाने और झूठ फैलाने का प्रयास किया।” उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान का रिकॉर्ड खुद उसके ही नेताओं के बयानों से बेनकाब हो गया है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का कबूलनामा राजदूत पटेल ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हालिया इंटरव्यू का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने साफ तौर पर स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने दशकों तक अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और फंडिंग दी। ख्वाजा आसिफ ने एक साक्षात्कार में कहा, “हम तीन दशकों तक अमेरिका और पश्चिम के लिए गंदा काम करते रहे। अगर हम उस युद्ध में शामिल न होते, तो आज पाकिस्तान का रिकॉर्ड साफ होता।”
योजना पटेल ने कहा कि यह कबूलनामा इस बात का खुला सबूत है कि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला और पूरे क्षेत्र को अस्थिर करने वाला एक दुष्ट राज्य बन चुका है। उन्होंने कहा कि अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को और आंखें मूंदे नहीं रहना चाहिए।
पहलगाम हमले का जिक्र भारत की राजदूत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले की ओर ध्यान दिलाया जिसमें कई निर्दोष नागरिकों की जान गई। उन्होंने कहा कि यह 26/11 के बाद का सबसे बड़ा आतंकी हमला था, जिसमें इतने बड़े पैमाने पर नागरिकों की मौत हुई। “भारत सीमा पार आतंकवाद का दशकों से शिकार रहा है, और हम पीड़ितों और उनके परिवारों के दर्द को भली-भांति समझते हैं,” उन्होंने कहा।
दुनिया का समर्थन और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता राजदूत पटेल ने पहलगाम हमले के बाद भारत को मिले वैश्विक समर्थन की सराहना करते हुए कहा कि यह इस बात का संकेत है कि अब आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की भावना बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत मानता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पीड़ितों की आवाज को भी उतना ही महत्व मिलना चाहिए।
VoTAN पहल की सराहना उन्होंने आतंकवाद के पीड़ितों के संघ (VoTAN – Victims of Terrorism Advocacy Network) की स्थापना को एक क्रांतिकारी कदम बताया, जो आतंकवाद के पीड़ितों को समर्थन देने और उनकी आवाज़ उठाने के लिए एक सुरक्षित मंच प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहलें वैश्विक आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई को मजबूती प्रदान करेंगी।
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