रेलवे विभाग द्वारा नर्सिंग अधीक्षक परीक्षा के अभ्यर्थियों को धार्मिक प्रतीक हटाने के निर्देश देने पर सोमवार को बड़ा विवाद खड़ा हो गया। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और अन्य हिंदू संगठनों ने इस निर्णय के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया और तुरंत निर्देश वापस लेने की मांग की।
प्रारंभ में, जारी एडमिट कार्डों में कहा गया था कि परीक्षा में बैठने से पहले अभ्यर्थियों को मंगलसूत्र, जानिवारा (जनेऊ) और अन्य धार्मिक प्रतीकों को हटाना आवश्यक होगा। इस कदम ने हिंदू समुदाय की भावनाओं को गहरी चोट पहुंचाई और विभिन्न संगठनों ने इसे हिंदू परंपराओं पर सीधा हमला करार दिया।
भारी विरोध के बाद रेलवे का स्पष्टीकरण
विवाद बढ़ता देख रेलवे अधिकारियों ने तुरंत स्पष्टीकरण जारी किया। अधिकारियों ने साफ किया कि परीक्षा हॉल में प्रवेश करते समय उम्मीदवारों से मंगलसूत्र या जानिवारा जैसे धार्मिक प्रतीकों को हटाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
रेल राज्य मंत्री वी. सोमन्ना ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि परीक्षा प्रक्रिया के दौरान धार्मिक भावनाओं का पूरा सम्मान किया जाए। उन्होंने कहा,
“किसी भी अभ्यर्थी से उसके धार्मिक प्रतीक हटाने के लिए कहना उचित नहीं है। इस तरह के निर्देश वापस ले लिए गए हैं।”
हिंदू संगठनों का तीखा विरोध
विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय नेता शरण पम्पवेल ने पीटीआई से बातचीत में कहा,
“हम घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। यदि परीक्षा अधिकारियों द्वारा कोई भी ऐसा कदम उठाया जाता है, जिससे हिंदू धार्मिक प्रतीकों का अपमान होता है, तो हम उचित प्रतिक्रिया देंगे।”
विहिप के प्रवक्ता ने भी बयान जारी कर कहा कि मंगलसूत्र और जानिवारा जैसी पवित्र वस्तुएं करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक हैं। इन्हें हटाने को कहना उनकी धार्मिक स्वतंत्रता और सम्मान का उल्लंघन है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज
बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने केंद्र सरकार और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा,
“हम कहते रहे हैं कि धार्मिक वस्तुओं की केवल जांच होनी चाहिए, लेकिन उन्हें उतारने के लिए कहना पूरी तरह से गलत है। भाजपा का असली चेहरा सामने आ गया है, वे कुछ कहते हैं और करते कुछ और हैं।”
परीक्षा केंद्र पर विशेष व्यवस्था
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को होने वाली नर्सिंग अधीक्षक परीक्षा मंगलुरु के बोंडेल स्थित मनैल श्रीनिवास नायक बेसेंट विद्या केंद्र में आयोजित की जाएगी। प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि अभ्यर्थियों की धार्मिक भावनाओं का पूरा सम्मान करते हुए परीक्षा प्रक्रिया संचालित की जाए।
पृष्ठभूमि में हालिया घटनाएं
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब हाल ही में आयोजित कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) के दौरान कुछ केंद्रों पर अभ्यर्थियों से उनके धार्मिक प्रतीक जैसे जनेऊ उतारने को कहा गया था। इससे पहले भी इस मुद्दे पर काफी विवाद हो चुका है, और अब रेलवे परीक्षा का मामला एक बार फिर धार्मिक स्वतंत्रता बनाम सुरक्षा नियमों की बहस को गरमा रहा है।
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