भारतीय सशस्त्र बलों में नेतृत्व परिवर्तन के महत्वपूर्ण क्षणों की शुरुआत हो रही है। इस बदलाव के साथ भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना दोनों में नए नेताओं की नियुक्ति से बलों की कार्यक्षमता और रणनीतिक दिशा में नया जोश जुड़ा है। आइए, विस्तार से जानते हैं इस बदलाव के बारे में और उनकी जिम्मेदारियों के बारे में:
एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख बनेंगे भारतीय वायुसेना को एक नई दिशा देने के लिए एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी को उप प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है। वह 1 मई से वर्तमान एयर मार्शल एसपी धारकर की जगह कार्यभार संभालेंगे। एयर मार्शल धारकर 30 अप्रैल को 40 वर्षों से अधिक सेवा देने के बाद सेवानिवृत हो जाएंगे। तिवारी वर्तमान में दक्षिण पश्चिमी वायु कमान की कमान संभाल रहे हैं, और उनकी जिम्मेदारी अब वायुसेना के लिए नई रणनीतियों और अभियानों की योजना तैयार करना होगा।
उनके कार्यकाल में, भारतीय वायुसेना की आधुनिकता और युद्धक तत्परता को और बढ़ाने की उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा, एयर मार्शल तिवारी के स्थान पर अब वायुसेना के प्रशिक्षण कमान प्रमुख को नियुक्त किया जाएगा।
एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित होंगे सीआईएससी के नए अध्यक्ष तीनों सेनाओं के बीच समन्वय और संचालन में अहम भूमिका निभाने वाले ‘चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी’ (CISC) के अध्यक्ष के रूप में एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित की नियुक्ति एक महत्वपूर्ण कदम है। वह लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू के स्थान पर कार्यभार संभालेंगे, जो 30 अप्रैल को सेवानिवृत हो रहे हैं।
एयर मार्शल दीक्षित एक अनुभवी मिराज 2000 लड़ाकू विमान के पायलट हैं और वर्तमान में प्रयागराज में सेंट्रल एयर कमांड की कमान संभाल रहे हैं। 1 मई से उन्हें सीआईएससी की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जिसमें तीनों सेनाओं के बीच समन्वय की भूमिका निभाना उनकी मुख्य चुनौती होगी।
भारतीय सेना की उत्तरी कमान में नेतृत्व परिवर्तन भारतीय सेना की उत्तरी कमान में भी एक महत्वपूर्ण बदलाव हो रहा है। लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा को इस कमान का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है। वह सेना मुख्यालय में उप सेना प्रमुख (रणनीति) के पद पर कार्यरत थे और अब वह सेना के महत्वपूर्ण जम्मू-कश्मीर और लद्दाख सेक्टरों में चीन और पाकिस्तान सीमा पर संचालन की जिम्मेदारी संभालेंगे।
लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा ने हाल ही में पहलगाम हमले के बाद सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ श्रीनगर की यात्रा की थी, और उनकी अगुवाई में सेना को सीमा सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण सफलता की उम्मीद है। वह लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचेंद्र कुमार की जगह लेंगे, जो 30 अप्रैल को सेवानिवृत हो रहे हैं।
समन्वय और संयुक्त रणनीति के महत्त्वपूर्ण पहलू इन सभी बदलावों के साथ, भारतीय सशस्त्र बलों का ध्यान अब और भी मजबूती से रक्षा नीति और रणनीतिक निर्णयों पर रहेगा। तीनों सेनाओं के समन्वय में सुधार और सीमा सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए नए नेतृत्व के पास अहम जिम्मेदारियां होंगी।
यह नेतृत्व परिवर्तन भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एक नया युग ला सकता है, जहां न केवल सीमा सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी, बल्कि देश की रक्षा क्षमता को भी नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया जाएगा।
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