मेरठ:- पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में शुक्रवार को मेरठ शहर में अभूतपूर्व बंद का आयोजन किया गया। हिंदू समाज, सनातन संगठन, व्यापारी वर्ग, उद्यमी, चिकित्सक और विभिन्न संगठनों ने इस बंद को पूर्ण समर्थन देकर आतंकवाद के खिलाफ अपना आक्रोश प्रकट किया।
सुबह से ही मेरठ के बाजारों, औद्योगिक इकाइयों और प्रतिष्ठानों पर ताले लटकते नजर आए। अधिकांश बाजारों और व्यापारिक संस्थानों ने स्वेच्छा से अपने शटर गिराए। शहर की प्रमुख सड़कें सुनसान रहीं और आम जनजीवन ठहर सा गया।
बाजार और अस्पताल रहे बंद शहर के लगभग सभी प्रमुख बाजारों — गढ़ रोड, दिल्ली रोड, आबूलेन, सदर, लालकुर्ती, लिसाड़ी गेट, हापुड़ अड्डा सहित कई इलाकों में व्यापारियों ने बंद का पूर्ण पालन किया। पेट्रोल पंप एसोसिएशन के आह्वान पर दोपहर 2 बजे तक सभी पेट्रोल पंप भी बंद रहे। चिकित्सा क्षेत्र से भी अभूतपूर्व समर्थन देखने को मिला। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के नेतृत्व में सभी चिकित्सकों ने ओपीडी सेवाएं बंद रखीं और केवल इमरजेंसी सेवाएं चालू रहीं। वैकल्पिक सर्जरी और सामान्य उपचार स्थगित कर दिए गए। आईएमए अध्यक्ष डॉ. अनुपम सिरोही और सचिव डॉ. सुमित उपाध्याय के नेतृत्व में चिकित्सक भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
शांति मार्च और पुतला दहन बुढ़ाना गेट से लेकर कमिश्नरी चौराहा तक हजारों की संख्या में लोगों ने ‘शांति मार्च’ निकाला। युवाओं के हाथों में तिरंगा और केसरिया टोपी थी, और हर ओर ‘जय श्री राम’ के नारों की गूंज सुनाई दी। बच्चा पार्क से कमिश्नरी चौराहा तक आतंकवाद के खिलाफ प्रतीकात्मक पुतले भी जलाए गए।
प्रमुख नेताओं और संगठनों का समर्थन पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल, राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेई, एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज, संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष अजय गुप्ता और नवीन गुप्ता समेत कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने बंद को अपना समर्थन दिया। महामंडलेश्वर नीलिमानंद जी, विनोद भारती, अंकुर गोयल और अन्य कई धर्मगुरुओं ने भी लोगों को एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने का आह्वान किया।
550 से अधिक संगठनों ने दिया समर्थन संयुक्त व्यापार संघ, पेट्रोल पंप एसोसिएशन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन समेत कुल 550 से अधिक संगठनों ने इस बंद में सक्रिय भूमिका निभाई। इन संगठनों के सदस्यों ने जनसंपर्क कर शहरवासियों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की।
दिल्ली-मेरठ कारोबार पर पड़ा भारी असर इस बंद का असर सिर्फ मेरठ तक ही सीमित नहीं रहा। दिल्ली से मेरठ आने वाली आवश्यक वस्तुओं — फल, सब्जी, दूध, दवाइयां, ड्राई फ्रूट, इलेक्ट्रोनिक्स सामान आदि की आपूर्ति भी बुरी तरह बाधित हुई। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अनुसार शुक्रवार को करीब 50 करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित हुआ। शनिवार को भी सप्लाई बाधित रहने की संभावना जताई गई है, जिससे कुल नुकसान 100 करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंच सकता है।
संकल्प: आतंकवाद के खिलाफ एकजुट भारत यह बंद केवल विरोध नहीं था, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट भारत के संकल्प का जीवंत उदाहरण भी था। व्यापारी, चिकित्सक, उद्यमी, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता और आम नागरिक — सभी ने मिलकर आतंकवाद के खिलाफ आवाज बुलंद की और शांति व एकता का संदेश दिया।
Discussion about this post