कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने विनायक दामोदर सावरकर को लेकर की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी के मामले में अपने खिलाफ जारी समन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट की दो-न्यायाधीशों की पीठ — न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन — इस मामले की सुनवाई आज (शुक्रवार) को करेगी।
यह मामला 17 नवंबर 2022 का है, जब ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान महाराष्ट्र के अकोला जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने स्वतंत्रता सेनानी विनायक सावरकर को लेकर टिप्पणी की थी। इसे लेकर अधिवक्ता नृपेंद्र पांडे ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें राहुल गांधी पर सावरकर का “जानबूझकर अपमान करने” का आरोप लगाया गया था।
हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ का फैसला लखनऊ बेंच ने 4 अप्रैल को सुनवाई करते हुए राहुल गांधी को राहत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उन्हें पहले सत्र न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दाखिल करनी चाहिए। अदालत ने यह भी कहा कि इस स्तर पर हाईकोर्ट का हस्तक्षेप उचित नहीं है।
राहुल गांधी का पक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा है कि निचली अदालत द्वारा उन्हें तलब किया जाना कानूनी दृष्टि से त्रुटिपूर्ण है और यह कार्यवाही राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित प्रतीत होती है। उनका कहना है कि उन्होंने कोई आपराधिक इरादा नहीं रखा और उनकी टिप्पणी को संदर्भ से अलग करके देखा गया है।
उन्होंने कोर्ट से यह मांग की है कि उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही को निरस्त किया जाए, क्योंकि यह न केवल असंवैधानिक है बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उनके अधिकार का भी हनन है।
शिकायतकर्ता की दलील वहीं शिकायतकर्ता अधिवक्ता नृपेंद्र पांडे का कहना है कि राहुल गांधी ने जनसभा में जानबूझकर विनायक सावरकर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की और यह एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी। उन्होंने कोर्ट से मांग की थी कि इस पर समुचित कार्यवाही की जाए और राहुल गांधी को न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना चाहिए।
राजनीतिक और कानूनी नजरें टिकीं यह मामला सिर्फ एक कानूनी बहस तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके राजनीतिक निहितार्थ भी हैं। सावरकर भारतीय राजनीति में एक विवादास्पद लेकिन महत्वपूर्ण शख्सियत रहे हैं। भाजपा उन्हें वीरता और राष्ट्रवाद का प्रतीक मानती है, जबकि कांग्रेस के एक धड़े द्वारा उनकी भूमिका को लेकर सवाल उठाए जाते रहे हैं।
अब जब राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि उच्चतम न्यायालय इस मामले में क्या रुख अपनाता है — क्या वह निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखेगा या राहुल गांधी को राहत प्रदान करेगा?
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