जब दुनिया में लोकतंत्र, प्रेम और मानवता की मिसाल बनने की बात आती है, तो भारत का नाम सबसे आगे होता है। लेकिन जब इस धरती पर आतंक की काली परछाइयाँ मंडराती हैं, तब उसकी कीमत अक्सर मासूम जानों को चुकानी पड़ती है। ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला मंजर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में देखने को मिला, जहां कायराना आतंकी हमले में दर्जनों निर्दोष हिंदू तीर्थयात्रियों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है।
हमले की विभीषिका
पुलिस की वर्दी में छिपे इन आतंकियों ने पहलगाम क्षेत्र की कई दिनों तक रेकी की, ताकि सुरक्षा में सेंध लगाई जा सके। जैसे ही मौका मिला, उन्होंने हमला कर दिया। इस भीषण हमले में 30 से अधिक पर्यटकों की जान जाने की संभावना है। यह सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं, बल्कि भारत की आत्मा पर हमला है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: दुनिया भारत के साथ
यह हमला सिर्फ भारत को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर गया। अमेरिका, रूस, इजराइल और सिंगापुर जैसे देशों ने भारत के साथ एकजुटता जाहिर की है।
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, जो भारत दौरे पर हैं, ने अपनी पत्नी उषा वेंस के साथ मिलकर हमले पर गहरा दुख प्रकट किया। उन्होंने कहा, “भारत की खूबसूरती और लोगों का प्यार हमें छू गया, लेकिन यह हमला हमारे दिल को तोड़ गया।”
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस हमले को “अमानवीय और दर्दनाक” बताया और भारत के साथ आतंक के खिलाफ सहयोग को और गहरा करने की बात कही।
इजराइल ने इस हमले की तीव्र निंदा करते हुए इसे “घृणित कृत्य” कहा और भारत के साथ खड़े होने की बात दोहराई।
सिंगापुर ने इसे “शर्मनाक और निंदनीय” बताते हुए पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की।
भारत की प्रतिक्रिया: आतंक को मिलेगा करारा जवाब
हमले के तुरंत बाद भारत सरकार ने एक्शन मोड में आकर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह खुद जम्मू-कश्मीर पहुंच चुके हैं। राष्ट्रीय राइफल्स और अन्य सुरक्षाबलों की अतिरिक्त तैनाती कर दी गई है, और आतंकियों की धर-पकड़ के लिए बड़ा ऑपरेशन शुरू हो चुका है।
राजनयिक संकेत: अमेरिका-भारत संबंधों में मजबूती
इस हमले के वक्त भारत में मौजूद अमेरिकी उपराष्ट्रपति की संवेदना और बयान, दोनों ही संकेत देते हैं कि भारत और अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो रही है। यह सिर्फ आतंक के खिलाफ नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए भी वैश्विक एकजुटता का प्रतीक है।
पहलगाम हमला भले ही हमें हिला गया हो, लेकिन यह भारत की हिम्मत और दुनिया की एकजुटता को भी सामने लाता है। यह घटना दिखाती है कि आतंक कितना भी घातक क्यों न हो, जब विश्व लोकतंत्र, मानवता और न्याय के पक्ष में खड़ा हो जाए, तो अंधेरे को हराया जा सकता है।
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