प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मंगलवार को सऊदी अरब के दो दिनों के दौरे के लिए रवाना हो गए हैं, जहां वह क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात करेंगे और भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे। यह यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मोदी जी की पहली यात्रा है जेद्दा में, और भारत-सऊदी अरब संबंधों को एक नए आयाम में ले जाने का एक ऐतिहासिक मौका है।
सऊदी अरब-भारत संबंधों की गहरी जड़ें
भारत और सऊदी अरब के बीच दशकों पुरानी मैत्रीपूर्ण संबंधों का इतिहास सामाजिक, सांस्कृतिक और वाणिज्यिक पहलुओं से जुड़ा हुआ है। दोनों देशों के बीच एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी का निर्माण हो चुका है, जिसमें राजनीति, रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, ऊर्जा, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में घनिष्ठ सहयोग बढ़ा है। इस यात्रा के दौरान इन क्षेत्रों में और प्रगाढ़ सहयोग की संभावनाएं उजागर हो सकती हैं।
निवेश और आर्थिक साझेदारी
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान सऊदी अरब द्वारा भारत में 100 बिलियन डॉलर के निवेश की योजना को और तेज़ी से लागू करने के प्रयासों पर भी चर्चा हो सकती है। 2019 में जब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भारत आए थे, तब इस निवेश की घोषणा की गई थी। इसके साथ ही, अक्टूबर 2023 में निवेश पर उच्च-स्तरीय टास्क फोर्स (HLTFI) की स्थापना ने इस दिशा में कदम उठाने की प्रक्रिया को और तेज किया है।
भारत-मध्य-पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMECE)
एक और महत्वपूर्ण पहलू, जो इस दौरे के दौरान उठ सकता है, वह है भारत-मध्य-पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMECE) परियोजना का क्रियान्वयन। यह परियोजना क्षेत्रीय और वैश्विक व्यापार और कनेक्टिविटी को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। इस योजना का उद्देश्य भारतीय बाजार को यूरोप और मध्य-पूर्व से जोड़ने वाले कनेक्शन को मजबूती देना है, जिससे व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
वैश्विक मुद्दों पर संवाद
प्रधानमंत्री मोदी और क्राउन प्रिंस सलमान के बीच होने वाली बातचीत में वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। इनमें इजरायल-हमास संघर्ष और यूक्रेन की स्थिति जैसे गंभीर मुद्दे शामिल हो सकते हैं। दोनों देशों के बीच इन वैश्विक संकटों पर विचार-विमर्श से, भारत और सऊदी अरब के बीच एक और महत्वपूर्ण पहलू स्थापित हो सकता है, जो दुनिया के सामने एक मजबूत और स्थिर साझेदारी का संदेश देगा।
भारत-सऊदी अरब संबंधों के भविष्य की दिशा
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा न केवल वर्तमान संबंधों को मजबूत करने का अवसर है, बल्कि यह भविष्य में दोनों देशों के रिश्तों को एक नए स्तर पर ले जाने का रास्ता भी खोल सकता है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस यात्रा को भारत और सऊदी अरब के बीच पहले से मजबूत रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का एक अवसर बताया है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच सहयोग के नए क्षेत्रों को पहचानने और वैश्विक मंच पर मिलकर कार्य करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
भारतीय समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब में भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिलेंगे और उन्हें संबोधित करेंगे। भारतीय समुदाय, जो सऊदी अरब में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, के साथ इस प्रकार की मुलाकातों से दोनों देशों के बीच लोगों के स्तर पर भी रिश्तों को मजबूती मिलती है। यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय विदेश नीति की मानवतावादी और समर्पित दिशा को भी दर्शाता है।
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