भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की दिशा में आज एक और महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ गया, जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस अपने परिवार के साथ राजस्थान की राजधानी जयपुर पहुँचे। इस यात्रा को दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ होते रिश्तों का प्रतीक माना जा रहा है।
दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात जयपुर पहुँचने से पूर्व उपराष्ट्रपति वेंस ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यद्यपि इस बैठक के आधिकारिक ब्योरे सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन इसे रणनीतिक साझेदारी, व्यापारिक सहयोग और वैश्विक मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण को मजबूती देने के रूप में देखा जा रहा है।
आमेर किले से हुई जयपुर यात्रा की शुरुआत अपनी जयपुर यात्रा की शुरुआत जे.डी. वेंस ने प्रसिद्ध आमेर किले के भ्रमण से की। सुबह 8:30 बजे रामबाग पैलेस से निकलकर वे परिवार सहित 9:00 बजे आमेर किले पहुँचे, जहाँ उन्होंने लगभग ढाई घंटे तक इस ऐतिहासिक विरासत को निहारा।
राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा विशेष रूप से तैयार की गई राजस्थानी लोकसंस्कृति की प्रस्तुति ने उपराष्ट्रपति वेंस और उनके परिवार को अत्यंत प्रभावित किया। इस दौरान उन्हें राजपूत वास्तुकला, पारंपरिक परिधान, लोकवाद्य और शाही आतिथ्य का अनुभव कराया गया।
सार्वजनिक संबोधन और रणनीतिक बैठकें दोपहर 3:00 बजे, वेंस ने राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक संबोधन दिया। अपने भाषण में उन्होंने भारत-अमेरिका के बीच साझेदारी, निवेश के अवसर और राज्य-स्तरीय सहयोग को प्रमुखता से रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच गहराते संबंध वैश्विक स्थिरता, नवाचार और विकास के वाहक बन सकते हैं।”
इसके बाद उनकी राजस्थान के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री से भी मुलाकात प्रस्तावित है, जहाँ संभावित निवेश, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और व्यापारिक साझेदारी पर चर्चा की संभावना है।
‘पधारो म्हारे देस’ – सांस्कृतिक संध्या से किया सम्मानित शाम को राजस्थान सरकार की ओर से उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस के सम्मान में एक भव्य सांस्कृतिक संध्या आयोजित की गई। कार्यक्रम की शुरुआत प्रसिद्ध लोकगीत ‘केसरिया बालम आवो नी पधारो म्हारे देस’ से हुई, जिसने मेहमानों का दिल जीत लिया।
34 लोक कलाकारों ने 12 पारंपरिक गीतों की मनोहारी प्रस्तुति दी। मांगणियार समुदाय के कलाकारों ने ‘सोने री धरती आथे, चांदी रो आसमां’ और ‘रंग रंगीलो रस भरयो रो राजस्थान’ जैसे लोकगीतों से समा बाँध दिया। ढोलक और सारंगी की मधुर तान ने इस शाम को और भी यादगार बना दिया।
इस कार्यक्रम के आयोजन हेतु राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा ₹21.5 लाख का बजट निर्धारित किया गया, ताकि विदेशी मेहमानों को प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराया जा सके।
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