बांग्लादेश एक बार फिर अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा के चलते सुर्खियों में है। हाल ही में उत्तरी बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले से एक बेहद दर्दनाक और चिंता जनक मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ वहां रह रहे हिंदू समुदाय को दहशत में डाल दिया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी बांग्लादेश की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हिंदू नेता का अपहरण और हत्या दिनाजपुर जिले के बिराल उपजिला में हिंदू समुदाय के एक प्रभावशाली नेता भाबेश चंद्र रॉय की बेरहमी से हत्या कर दी गई। भाबेश चंद्र रॉय बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष थे। गुरुवार को रॉय अपने घर पर ही मौजूद थे, तभी करीब 4:30 बजे उनके पास एक फोन कॉल आया। उनकी पत्नी शांतना रॉय के अनुसार, यह कॉल यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि वह घर पर हैं या नहीं।
कुछ ही देर बाद, अज्ञात लोगों ने उन्हें जबरन किडनैप कर लिया और पास के ही एक गांव ले जाकर बुरी तरह से पीटा। इसके बाद हमलावरों ने उन्हें एक वैन में डालकर उनके ही घर के बाहर फेंक दिया। जब घरवालों ने उन्हें बेहोशी की हालत में पाया, तो तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस जांच जारी, समुदाय में भय का माहौल पुलिस के अनुसार, हत्या के पीछे के कारणों की जांच की जा रही है और संदिग्धों की पहचान व गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया है। इससे पहले भी मंदिरों में तोड़फोड़, घरों को जलाने, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और जबरन धर्मांतरण जैसे कई मामले सामने आ चुके हैं।
शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद से अल्पसंख्यकों पर हमलों में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है। राजनीतिक अस्थिरता, कट्टरपंथी संगठनों का बोलबाला और प्रशासन की निष्क्रियता ने हालात को और भी भयावह बना दिया है।
क्या अल्पसंख्यकों को इंसाफ मिलेगा? भाबेश चंद्र रॉय की हत्या सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या नहीं है, बल्कि यह पूरे समुदाय पर हमले की तरह है। यह घटना दर्शाती है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा अब भी एक गंभीर मुद्दा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों को चाहिए कि वे इस पर ध्यान दें और बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाएं कि वह अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करे और ऐसे जघन्य अपराधों के दोषियों को कड़ी सजा दिलाए।
Discussion about this post