मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में हाल ही में भड़की हिंसा के बाद पश्चिम बंगाल की सियासत और प्रशासन दोनों में हलचल तेज हो गई है। शनिवार को राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से बातचीत की। राज्यपाल ने साफ संकेत दिए हैं कि वे केंद्र सरकार को राज्य की कानून-व्यवस्था पर एक विस्तृत रिपोर्ट भेजेंगे।
राज्यपाल का दौरा और पीड़ितों से संवाद राज्यपाल बोस शनिवार सुबह फरक्का के गेस्ट हाउस में ठहरे रहे, जहां उन्होंने हिंसा से प्रभावित कुछ परिवारों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। इसके बाद वे मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज, धुलियान, सुती और जंगीपुर जैसे संवेदनशील इलाकों का दौरा करने निकले, जहां हाल ही में दंगे भड़के थे। बता दें कि 8 से 12 अप्रैल के बीच वक्फ कानून के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और 274 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
राज्यपाल का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें दौरा स्थगित करने का अनुरोध किया था। इसके बावजूद राज्यपाल ने शुक्रवार को ही मालदा पहुंचकर अस्थायी शिविरों में शरण लिए हुए मुर्शिदाबाद के हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की।
महिलाओं की सुरक्षा पर राष्ट्रीय महिला आयोग की चिंता वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष विजया रहाटकर के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय टीम ने भी मुर्शिदाबाद और मालदा का दौरा किया है। रहाटकर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि आयोग को शिकायतें मिली हैं कि राहत शिविरों और हिंसा प्रभावित इलाकों में महिलाओं के साथ अनुचित व्यवहार हो रहा है।
उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय महिला आयोग ने एक जांच समिति गठित की है। हम सीधे पीड़ित महिलाओं से बातचीत कर रहे हैं ताकि जमीनी सच्चाई सामने लाई जा सके। विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर केंद्र और संबंधित प्राधिकारियों को सौंपी जाएगी।”
आयोग की टीम रविवार को कोलकाता में राज्यपाल, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से मुलाकात कर विस्तृत रिपोर्ट साझा करेगी।
राज्य सरकार और केंद्र के बीच टकराव के संकेत राज्यपाल और महिला आयोग के इस सक्रिय रुख को राजनीतिक नजरिए से भी देखा जा रहा है। राज्य सरकार का मानना है कि ये दौरे हालात को और अधिक तनावपूर्ण बना सकते हैं, जबकि केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों का तर्क है कि जमीनी हालात की सच्चाई जानना जरूरी है।
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