कनाडा में भारतीय नागरिकों पर हमले और हत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। ताज़ा घटना में, एक 21 वर्षीय भारतीय छात्रा हरसिमरत रंधावा की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। वह कनाडा के हैमिल्टन शहर में पढ़ाई कर रही थी और रोज़ की तरह अपने काम पर जाने के लिए बस का इंतजार कर रही थी, जब अचानक एक चलती कार से गोली चलाई गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
क्या हुआ उस शाम? यह दिल दहला देने वाली घटना 17 अप्रैल की शाम 7:30 बजे की है, जब हरसिमरत रंधावा बस स्टॉप पर खड़ी थी। इसी दौरान एक काली कार में बैठे युवक ने सामने से गुजर रही सफेद सेडान कार पर गोली चलाई। दुर्भाग्यवश, एक गोली हरसिमरत के सीने में जा लगी। आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुँची और उसे अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन खून अधिक बह जाने के कारण उसे बचाया नहीं जा सका।
पुलिस जांच में क्या सामने आया? हैमिल्टन पुलिस के अनुसार, यह गोलीबारी दो व्यक्तियों के आपसी झगड़े का परिणाम थी। हरसिमरत इस पूरे विवाद में निर्दोष थी, लेकिन दुर्भाग्य से वह उस हिंसा का शिकार बन गई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच तेज़ कर दी है और संदिग्धों की तलाश जारी है।
भारतीय दूतावास का बयान टोरंटो स्थित भारतीय दूतावास ने हरसिमरत की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “हम हरसिमरत रंधावा की दुखद मृत्यु से बेहद आहत हैं। वह एक निर्दोष छात्रा थी। हम उसके परिवार के संपर्क में हैं और हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।”
लगातार बढ़ रही घटनाएं यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब 5 अप्रैल को भी कनाडा में एक भारतीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। केवल अप्रैल महीने में ही भारतीय मूल के दो लोगों की जान जा चुकी है, जिससे प्रवासी भारतीय समुदाय में भय और असुरक्षा का माहौल गहराता जा रहा है।
प्रश्नों के घेरे में सुरक्षा व्यवस्था हरसिमरत रंधावा, जो मोहॉक कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी, अपने सपनों को पूरा करने के लिए कनाडा आई थी। लेकिन जिस देश में वह भविष्य की उम्मीद लेकर गई थी, वहीं उसकी ज़िंदगी का अंत हो गया। इस घटना ने एक बार फिर कनाडा में प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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