नीमच (मध्यप्रदेश): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन दिनों अपने दो दिवसीय मध्यप्रदेश दौरे पर हैं, जहां उन्होंने सीआरपीएफ के 86वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। यह ऐतिहासिक आयोजन 17 अप्रैल को नीमच स्थित सीआरपीएफ परेड ग्राउंड में आयोजित किया गया, जहां अमित शाह ने परेड की सलामी ली और वीर जवानों को सम्मानित किया।
इतिहास से जुड़ता नीमच का गौरव नीमच की धरती सीआरपीएफ के इतिहास में विशेष स्थान रखती है। 27 जुलाई 1939 को ब्रिटिश शासनकाल में यहां ‘क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस’ की स्थापना की गई थी। स्वतंत्रता के बाद, 28 दिसंबर 1949 को भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने इसे “केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल” के रूप में नाम दिया और 19 मार्च 1950 को बल को औपचारिक रूप से ध्वज प्रदान किया। यही वजह है कि हर वर्ष 19 मार्च को सीआरपीएफ दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस वर्ष समारोह 17 अप्रैल को इस वर्ष 86वें स्थापना दिवस का मुख्य समारोह 17 अप्रैल को नीमच में आयोजित किया गया। यह पहली बार है जब सीआरपीएफ का स्थापना दिवस समारोह विस्तारपूर्वक आयोजित किया गया, जिसमें सुरक्षा बल के शौर्य, सेवा और समर्पण को दर्शाया गया।
गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री मोहन यादव की उपस्थिति कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह के साथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद रहे। सुबह 8 बजे दोनों नेता परेड ग्राउंड पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। अमित शाह ने सीआरपीएफ की आठ टुकड़ियों की शानदार परेड की सलामी ली और बल की कर्तव्यनिष्ठा की सराहना की।
वीरता पुरस्कार और श्रद्धांजलि परेड के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने वीरता का प्रदर्शन करने वाले जवानों को वीरता पदक प्रदान किए। उन्होंने ‘शहीद स्थल’ पर जाकर सीआरपीएफ के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवारों से संवाद किया। इस भावुक क्षण में पूरा आयोजन स्थल देशभक्ति के जज्बे से गूंज उठा।
सीआरपीएफ की बहुआयामी भूमिका सीआरपीएफ देश की आंतरिक सुरक्षा, उग्रवाद-विरोधी अभियानों, वीआईपी सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और अंतरराष्ट्रीय शांति मिशनों में अपनी मजबूत भूमिका के लिए जाना जाता है। रियासतों के एकीकरण से लेकर देश के कठिनतम क्षेत्रों में तैनाती तक, सीआरपीएफ हर मोर्चे पर देश की सेवा में तत्पर रहा है।
एकजुटता और सम्मान का प्रतीक यह समारोह न सिर्फ सीआरपीएफ की गौरवशाली यात्रा का प्रतीक बना, बल्कि देश के नागरिकों और जवानों के बीच एकता, सम्मान और सेवा की भावना को भी प्रकट करता है। नीमच की धरती ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि भारत का सुरक्षा बल हर परिस्थिति में देश की रक्षा के लिए तत्पर है।
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“सीआरपीएफ स्थापना दिवस: शौर्य, सेवा और बलिदान को नमन”
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