आज कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय पर केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया है। यह विरोध प्रदर्शन विशेष रूप से प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेताओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल करने के बाद किया जा रहा है। इस चार्जशीट में पार्टी की शीर्ष नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम शामिल हैं।
कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार ने ED का दुरुपयोग राजनीतिक विरोधियों को दबाने के लिए किया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि सरकार जानबूझकर विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है, ताकि उन्हें राजनीतिक रूप से कमजोर किया जा सके। इस मामले में कांग्रेस पार्टी ने देशभर में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है, जो राज्य मुख्यालयों और जिला स्तरों पर केंद्र सरकार के कार्यालयों के सामने आयोजित हो रहे हैं।
प्रदर्शन का कारण: ED की चार्जशीट और आरोप
कांग्रेस पार्टी का कहना है कि यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक प्रेरित है और ED का उपयोग केवल विपक्षी दलों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है। कांग्रेस महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने चार्जशीट दाखिल होने के बाद कहा था कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सिर्फ विपक्षी नेताओं को धमकाने का काम कर रहे हैं।
इस मामले में सुनवाई 25 अप्रैल 2025 को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में होगी, और कोर्ट ने ED से मामले की केस डायरी भी मांगी है। यह मामला 2012 से चल रहा है, जब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया गांधी और उनके परिवार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
कांग्रेस नेताओं के बयान:
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस चार्जशीट के दाखिल होने के समय पर ध्यान दें। उन्होंने कहा, “जब गुजरात में सत्र चल रहा होता है, राहुल गांधी मोडासा पहुंचते हैं, और ठीक उसी समय यह चार्जशीट दाखिल हो जाती है। यह सिर्फ विपक्ष को परेशान करने की एक साजिश है।”
वहीं, कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि यह पूरी घटना राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने विश्वास जताया कि कांग्रेस को न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और कानूनी तरीके से इसका मुकाबला करेगी।
ED की कार्रवाई और कुर्की की प्रक्रिया
प्रवर्तन निदेशालय ने जांच के दौरान कई संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई की है। 12 अप्रैल 2025 को ED ने दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में 661 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को कब्जे में लेने के लिए नोटिस जारी किए थे। इसके अलावा, सरकार की ओर से इसे एक महत्वपूर्ण और गंभीर मनी लॉन्ड्रिंग मामला बताया जा रहा है।
कांग्रेस का रुख और विरोध प्रदर्शन का विस्तार
कांग्रेस पार्टी इस पूरे मामले को राजनीतिक बदले की कार्रवाई मानती है और इसे लोकतंत्र पर हमला मानती है। पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रही है और विपक्षी नेताओं को डराने-धमकाने के लिए गलत तरीके अपना रही है।
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन अब केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश में फैल गया है, जिसमें राज्य मुख्यालयों और जिला स्तरों पर विरोध हो रहा है। पार्टी ने ऐलान किया है कि वह इस लड़ाई को कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से लड़ेगी और किसी भी प्रकार के दबाव या डर के सामने झुकेगी नहीं।
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