भारत की पहली महिला सूबेदार: प्रीति रजक – नारी शक्ति की नई पहचान

भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका दिन-ब-दिन सशक्त होती जा रही है। हाल ही में सेना के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा है — जब प्रीति रजक को भारतीय सेना की पहली महिला सूबेदार के रूप में पदोन्नत किया गया। यह न केवल भारतीय सेना के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।
शुरुआत से सफलता तक का सफर
प्रीति रजक, जो मूल रूप से एक प्रतिभावान चैंपियन शूटर हैं, वर्ष 2022 में सैन्य पुलिस कोर के माध्यम से भारतीय सेना में शामिल हुई थीं। सेना में शामिल होने से पहले ही वे एक प्रतिभाशाली निशानेबाज के रूप में अपनी पहचान बना चुकी थीं। हवलदार के पद पर रहते हुए उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया और देश का नाम रोशन किया।
एशियाई खेलों में दमदार प्रदर्शन
प्रीति ने 19वें एशियाई खेलों (हांगझू, चीन) में महिला ट्रैप शूटिंग टीम स्पर्धा में रजत पदक जीतकर भारत को गौरवान्वित किया। यह जीत केवल एक पदक नहीं थी, बल्कि उस मेहनत, समर्पण और साहस की गवाही थी जो प्रीति ने अपने खेल और करियर में दिखाया।
मार्क्समैनशिप यूनिट में ओलंपिक की तैयारी
फिलहाल, प्रीति रजक भारत में महिला ट्रैप स्पर्धा में छठे स्थान पर हैं और पेरिस ओलंपिक 2024 की तैयारियों में जुटी हैं। वे सेना की मार्क्समैनशिप यूनिट में गहन प्रशिक्षण ले रही हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनका लक्ष्य सिर्फ सैन्य सेवा ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय खेल मंचों पर भी भारत को गौरवान्वित करना है।
पहली ‘आउट ऑफ टर्न’ पदोन्नति – एक मिसाल
प्रीति रजक को उनके असाधारण प्रदर्शन के चलते सेना द्वारा ‘आउट ऑफ टर्न’ पदोन्नति देकर सूबेदार बनाया गया। यह उपलब्धि उन्हें भारतीय सेना की पहली महिला सूबेदार के रूप में इतिहास में दर्ज करती है। यह पदोन्नति केवल एक व्यक्तिगत सम्मान नहीं, बल्कि भारतीय महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है।
नारी शक्ति का प्रतीक
प्रीति की यह उपलब्धि दर्शाती है कि जब नारी को अवसर और मंच दिया जाए, तो वह हर क्षेत्र में सफलता के शिखर को छू सकती है। उनकी कहानी उन हजारों युवतियों के लिए प्रेरणा है जो सेना, खेल या किसी भी क्षेत्र में करियर बनाना चाहती हैं।
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