जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। ताजा घटनाक्रम में पुंछ जिले के सुरनकोट के लसाना गांव में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से “ऑपरेशन लसाना” शुरू किया है। सोमवार रात को आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसके बाद से इलाके में तलाशी अभियान जारी है।
ऑपरेशन लसाना: आतंक के मंसूबों पर पानी फेरने की कवायद लसाना गांव में यह ऑपरेशन खुफिया जानकारी के आधार पर शुरू किया गया, जिसमें बताया गया था कि इलाके में आतंकी छिपे हुए हैं। जैसे ही सुरक्षाबलों ने घेराबंदी की, आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। इस मुठभेड़ में भारतीय सेना का एक जवान घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है।
भारतीय सेना की रोमियो फोर्स इस ऑपरेशन का नेतृत्व कर रही है। सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि इलाके में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की गई है, ताकि कोई आतंकी बचकर भाग न सके। सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है।
किश्तवाड़ में मिली बड़ी सफलता इससे पहले किश्तवाड़ जिले के छात्रु इलाके में भी सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। यहां जैश-ए-मोहम्मद के टॉप कमांडर सैफुल्लाह समेत तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया। यह मुठभेड़ भी रात भर चली और इसे सुरक्षाबलों की एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। लगातार मिल रही सफलताओं से सुरक्षाबलों का मनोबल और भी बढ़ा है।
अखनूर सेक्टर में बलिदान, लेकिन आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब इसी कड़ी में जम्मू के अखनूर सेक्टर में भी भारतीय सेना ने आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया। हालांकि इस मुठभेड़ में एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) शहीद हो गए। उन्होंने अंतिम सांस तक आतंकियों को करारा जवाब दिया। इस बहादुरी ने साबित कर दिया कि हमारे जवान किसी भी चुनौती से पीछे हटने वाले नहीं हैं।
आतंक के खिलाफ सख्त रुख लगातार हो रही मुठभेड़ों और तलाशी अभियानों से साफ है कि भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियां जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के मिशन पर हैं। पुंछ, किश्तवाड़ और अखनूर—तीनों इलाकों में सेना की सक्रियता इस बात का संकेत है कि अब कोई भी आतंकी सुरक्षित नहीं रह सकता।
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