दिल्ली मेट्रो में एक और ऐतिहासिक कदम जुड़ने जा रहा है। फेज-चार के अंतर्गत बनने वाला लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक मेट्रो कॉरिडोर देश की पहली ऐसी मेट्रो लाइन होगी, जिस पर केवल तीन कोच की मेट्रो ट्रेनें चलेंगी। यह नई लाइन राजधानी की मेट्रो यात्रा को न सिर्फ सुविधाजनक बनाएगी, बल्कि कम लागत, कम ऊर्जा खपत और बेहतर पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में भी एक बड़ी पहल होगी।
क्या खास है इस कॉरिडोर में?
देश की पहली तीन कोच की मेट्रो लाइन – प्रत्येक ट्रेन में एक साथ 900 यात्री सफर कर सकेंगे।
लंबाई – यह लाइन करीब 8 किलोमीटर लंबी होगी और पूरी तरह एलिवेटेड (उपरि मार्ग) होगी।
स्टेशन की संख्या – कुल 8 स्टेशन, जिनमें कई इंटरचेंज शामिल होंगे।
कम लागत, स्मार्ट डिजाइन – छोटे प्लेटफॉर्म (74 मीटर) और हल्की मेट्रो ट्रेनें इस प्रोजेक्ट को लागत में भी किफायती बनाएंगी।
किन इलाकों को मिलेगा सीधा लाभ?
1. लाजपत नगर – पिंक और वायलेट लाइनों से इंटरचेंज की सुविधा, मार्केट तक सीधी पहुंच।
2. एंड्रयूज गंज – प्रमुख आवासीय और शैक्षणिक संस्थानों को फायदा।
3. ग्रेटर कैलाश-1 – पॉश इलाकों में स्मार्ट मेट्रो कनेक्टिविटी।
4. चिराग दिल्ली – मैजेंटा लाइन से इंटरचेंज, दक्षिण दिल्ली का दिल।
5. पुष्पा भवन – सरकारी कार्यालयों के लिए आसान आवागमन।
6. साकेत कोर्ट – न्यायालय परिसर और सलेक्ट सिटी वॉक मॉल तक सीधी कनेक्टिविटी।
7. पुष्प विहार – सेक्टर 1, 3, 4, और 7 के लिए बेहतर मेट्रो सेवा।
8. साकेत जी ब्लॉक – गोल्डन लाइन से इंटरचेंज, एयरपोर्ट तक सीधी कनेक्टिविटी।
पर्यावरण के लिए वरदान
तीन कोच की ट्रेनें न सिर्फ कम जगह लेंगी, बल्कि इनसे बिजली की खपत भी कम होगी। साथ ही यह मेट्रो लाइन दिल्ली की आबादी को कार्बन उत्सर्जन से राहत दिलाने में भी मददगार होगी।
निर्माण की स्थिति
जनवरी 2025 तक यह मेट्रो लाइन तैयार होनी थी, लेकिन सरकार से स्वीकृति में देरी के कारण अब निर्माण प्रक्रिया शुरू हो रही है। डीएमआरसी का लक्ष्य है कि यह लाइन अगले तीन वर्षों में बनकर तैयार हो जाए।
भविष्य की तैयारी
डीएमआरसी के अनुसार, वर्ष 2041 तक इस कॉरिडोर पर रोज़ाना 1.2 लाख यात्री सफर करेंगे। यात्रियों की संख्या बढ़ने पर मेट्रो की फ्रिक्वेंसी बढ़ाई जाएगी, ताकि सफर और भी सहज हो सके।
लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक तक यह नया मेट्रो कॉरिडोर न सिर्फ यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि यह दिल्ली मेट्रो की तकनीकी कुशलता, स्मार्ट प्लानिंग और पर्यावरणीय प्रतिबद्धता का भी प्रतीक बनेगा। यह कॉरिडोर निश्चित रूप से दिल्ली की ट्रैफिक और पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला साबित होगा।
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