देशभर में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच मणिपुर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष असकर अली का घर गुस्साई भीड़ ने आग के हवाले कर दिया। अली ने वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन किया था, जिससे लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।
विरोध की चिंगारी बनी सोशल मीडिया पोस्ट
दरअसल, असकर अली ने सोशल मीडिया पर वक्फ संशोधन अधिनियम के समर्थन में एक पोस्ट साझा की थी। शुरुआत में लोगों ने उस पोस्ट पर नाराज़गी जताई, लेकिन मामला यहीं नहीं रुका। धीरे-धीरे यह गुस्सा सड़कों पर उतर आया। प्रदर्शनकारियों ने अली के घर के बाहर नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन किया।
रात में हिंसक मोड़, घर को लगाई आग
अधिकारियों के अनुसार, सोमवार रात करीब 9 बजे बड़ी संख्या में लोग अली के घर के बाहर जमा हुए। पहले तो तोड़फोड़ की गई और फिर भीड़ ने उनके घर को आग लगा दी। घटना के बाद असकर अली ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अपने बयान पर माफी मांगी और कहा कि वे अब इस कानून का समर्थन नहीं करते।
इंफाल घाटी में भी विरोध, 5,000 से अधिक लोग शामिल
इस घटना से पहले भी इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ ज़ोरदार प्रदर्शन हुए थे। लिलोंग में एनएच-102 पर हुए प्रदर्शन में करीब 5,000 से ज्यादा लोग शामिल हुए, जिससे ट्रैफिक पूरी तरह से बाधित हो गया। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पें भी देखी गईं।
प्रदर्शनकारियों की मांग – ‘संविधान विरोधी है वक्फ अधिनियम’
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह अधिनियम संविधान के मूल अधिकारों का उल्लंघन करता है और मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को सीमित करता है। एक प्रदर्शनकारी साकिर अहमद ने कहा, “वक्फ संशोधन अधिनियम संविधान के मूल्यों के खिलाफ है। यह मुस्लिम समुदाय के लिए पूरी तरह अस्वीकार्य है।”
प्रशासन अलर्ट पर, सुरक्षा बढ़ाई गई
विरोध और हिंसा को देखते हुए मणिपुर प्रशासन अलर्ट मोड पर है। मुस्लिम बहुल इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयारियां की गई हैं।
वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर देश में गहरी असहमति दिखाई दे रही है, जो अब केवल सियासी विमर्श तक सीमित नहीं रह गई है। मणिपुर की घटना इस बात का संकेत है कि यह मुद्दा जमीनी स्तर पर लोगों की भावनाओं को किस तरह झकझोर रहा है। ऐसे में सरकार के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह सभी पक्षों से संवाद करे और कानून के प्रभावों की समीक्षा करे, ताकि सामाजिक सौहार्द बना रहे।
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