संसद का बजट सत्र 2025 शुक्रवार को समाप्त हो गया। 31 जनवरी से शुरू हुआ यह सत्र कई अहम विधेयकों की मंजूरी और लंबी चर्चाओं के साथ ऐतिहासिक बन गया। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सत्र के समापन के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस दौरान लोकसभा की उत्पादकता 118% और राज्यसभा की 119% रही — जो संसदीय कार्य प्रणाली की सक्रियता और सदस्यों की भागीदारी का प्रमाण है।
26 बैठकें, 16 विधेयकों को मंजूरी
बजट सत्र दो भागों में आयोजित हुआ। पहले भाग में 9 और दूसरे भाग में 17 बैठकें हुईं, कुल 26 बैठकें। इस दौरान संसद ने कुल 16 अहम विधेयकों को पारित किया। इनमें वक्फ (संशोधन) विधेयक-2025, आपदा प्रबंधन से जुड़ा संशोधन विधेयक, और त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक-2025 प्रमुख हैं।
वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार का रास्ता साफ
संयुक्त समिति की रिपोर्ट के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक-2025 लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पारित हो गया। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना, हितधारकों को सशक्त बनाना और सर्वेक्षण, पंजीकरण और विवाद निपटान की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाना है। साथ ही, मुसलमान वक्फ अधिनियम, 1923 को भी निरस्त कर दिया गया है।
आपदा प्रबंधन प्रणाली को मिलेगी नई ताकत
एक अन्य प्रमुख विधेयक का उद्देश्य राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को और अधिक स्पष्ट भूमिका देना और आपातकालीन स्थितियों में उनके कामकाज को मजबूत करना है। यह विधेयक आपदा प्रबंधन की रणनीति को नई दिशा देगा और केंद्र व राज्य स्तर पर समन्वय को बेहतर बनाएगा।
सहकारी क्षेत्र को मिलेगा नया विश्वविद्यालय
त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक-2025 को मंजूरी मिलने के साथ सहकारी क्षेत्र में उच्च शिक्षा, प्रशिक्षण और शोध को नई गति मिलेगी। यह विश्वविद्यालय डिग्री कोर्स, दूरस्थ शिक्षा और ई-लर्निंग के माध्यम से सहकारी क्षेत्र के लिए एक “एक्सीलेंस सेंटर” के रूप में काम करेगा।
बजट और अभिभाषण पर लंबी चर्चाएं
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 31 जनवरी को दोनों सदनों को संबोधित किया। इसके बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में 17 घंटे 23 मिनट और राज्यसभा में 21 घंटे 46 मिनट चर्चा हुई। बजट पर भी दोनों सदनों में अपेक्षा से अधिक समय तक चर्चा हुई, जिसमें कुल मिलाकर 258 से ज्यादा सांसदों ने भाग लिया।
इन विधेयकों को भी मिली मंजूरी
आव्रजन और विदेशी विधेयक-2025: अप्रवासियों की निगरानी और विदेशियों से संबंधित मामलों की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए।
बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक-2025: बैंकिंग क्षेत्र में सुधारों और निगरानी व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु।
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