बिम्सटेक (BIMSTEC) शिखर सम्मेलन 2025 में भाग लेने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक पहुंचे। इस महत्वपूर्ण आयोजन के दौरान एक रोचक तस्वीर सामने आई, जिसमें पीएम मोदी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के साथ रात्रिभोज के दौरान बैठे नजर आए। इस तस्वीर ने भारत और बांग्लादेश के बीच बदलते संबंधों को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दिया है।
रात्रिभोज और कूटनीतिक संकेत
थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनवात्रा द्वारा आयोजित इस डिनर में दोनों नेताओं की उपस्थिति को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बांग्लादेश लंबे समय से यह कोशिश कर रहा था कि पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस की द्विपक्षीय वार्ता हो। यह संभावित वार्ता इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद यह पहली उच्च-स्तरीय बातचीत हो सकती है।
भारत-बांग्लादेश संबंधों में हालिया तनाव
भारत और बांग्लादेश के संबंध पिछले कुछ महीनों में तनावपूर्ण रहे हैं। इसके पीछे कई कारण हैं:
1. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले: हाल के महीनों में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले चिंता का विषय बने हुए हैं।
2. चीन और पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश की बढ़ती निकटता: भारत के साथ संबंधों में आई कड़वाहट के बीच बांग्लादेश ने चीन और पाकिस्तान से अपनी नजदीकियां बढ़ा ली हैं।
3. मोहम्मद यूनुस की भारत विरोधी टिप्पणियां: हाल ही में मोहम्मद यूनुस ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को ‘लैंड लॉक्ड’ बताते हुए बांग्लादेश को हिंद महासागर का एकमात्र संरक्षक घोषित कर दिया था, जिसे भारत ने नकारात्मक रूप में लिया।
भारत के संभावित कदम
बिम्सटेक सम्मेलन के दौरान भारत बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को संतुलित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठा सकता है:
1. सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता: पीएम मोदी द्विपक्षीय सहयोग को जारी रखने की आवश्यकता पर जोर दे सकते हैं।
2. चीन और पाकिस्तान के प्रभाव को संतुलित करने की रणनीति: भारत यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा कि बांग्लादेश चीन और पाकिस्तान के अत्यधिक प्रभाव में न जाए।
3. आर्थिक और रक्षा सहयोग: भारत बांग्लादेश को नए आर्थिक प्रस्ताव दे सकता है और रक्षा सहयोग को मजबूत करने की पेशकश कर सकता है।
4. अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर जोर: बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के मुद्दे पर भारत अपना कड़ा रुख पेश कर सकता है।
5. व्यापार विवादों का समाधान: दोनों देशों के बीच व्यापारिक विवादों को हल करने के लिए नई नीतियों पर चर्चा हो सकती है।
6. यूनुस से स्पष्ट रुख की मांग: भारत यह सुनिश्चित करना चाहेगा कि मोहम्मद यूनुस भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र पर अपनी विवादास्पद टिप्पणियों पर सफाई दें।
भारत का जवाब और आगे की राह
मोहम्मद यूनुस की विवादास्पद टिप्पणियों के जवाब में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि भारत बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग की जिम्मेदारी को भली-भांति समझता है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि भारत के पास बंगाल की खाड़ी में सबसे लंबी तटरेखा है, जो लगभग 6,500 किलोमीटर लंबी है। जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र बिम्सटेक के लिए एक प्रमुख कनेक्टिविटी हब बन रहा है, जिसमें सड़क, रेलवे, जलमार्ग, बिजली ग्रिड और पाइपलाइन का बड़ा नेटवर्क तैयार किया जा रहा है।
बिम्सटेक शिखर सम्मेलन 2025 भारत के लिए न केवल क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने का अवसर है, बल्कि यह बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को फिर से संतुलित करने का भी एक महत्वपूर्ण मंच बन सकता है। पीएम मोदी की बैंकॉक यात्रा इस दिशा में कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों की ओर इशारा कर रही है, जो आने वाले दिनों में भारत-बांग्लादेश संबंधों को नई दिशा दे सकते हैं।
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