भारतीय महिला खिलाड़ियों ने हमेशा अपने जज्बे और मेहनत से खेल की दुनिया में नई ऊंचाइयों को छुआ है। स्क्वैश की युवा सनसनी अनाहत सिंह ने हाल ही में अपने शानदार प्रदर्शन से भारत का नाम गर्व से ऊँचा किया है। 17 वर्षीय अनाहत ने PSA वर्ल्ड रैंकिंग में 68वीं रैंक हासिल करके भारत की नंबर वन महिला स्क्वैश खिलाड़ी बनने का गौरव प्राप्त किया है। यह सफलता उनके अथक परिश्रम, समर्पण और खेल के प्रति जुनून का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
खेल का जुनून और शुरुआत
अनाहत सिंह का जन्म 13 मार्च 2008 को हुआ था। बचपन से ही खेलों के प्रति उनका विशेष रुझान था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली में पूरी की और शुरुआती दिनों में बैडमिंटन खेला। लेकिन बाद में उनका झुकाव स्क्वैश की ओर हुआ, जहाँ उन्होंने असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकता सितारा
बहुत ही कम उम्र में अनाहत ने अपने खेल से सबका ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने सबसे कम उम्र में राष्ट्रीय स्क्वैश चैंपियन बनने का रिकॉर्ड बनाया। इसके अलावा, उन्होंने अंडर-15 और अंडर-17 श्रेणियों में एशियाई जूनियर स्क्वैश चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अपने खेल कौशल को साबित किया। उनकी उपलब्धियाँ यह दर्शाती हैं कि भारत में स्क्वैश का भविष्य उज्ज्वल है।
PSA वर्ल्ड रैंकिंग में ऐतिहासिक छलांग
अनाहत सिंह ने SRFI इंडियन टूर 2025 के दौरान चेन्नई में आयोजित एक प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया। फाइनल मुकाबले में उन्होंने आकांक्षा सालुंके को हराकर खिताब अपने नाम किया। इस जीत के बाद उनकी PSA वर्ल्ड रैंकिंग में 14 स्थानों की छलांग लगी और वह भारत की नंबर वन स्क्वैश खिलाड़ी बन गईं। यह उपलब्धि उनकी निरंतर मेहनत और उत्कृष्टता की ओर बढ़ते कदमों को दर्शाती है।
सफलता की नई ऊँचाइयाँ
अनाहत ने नवंबर 2023 में पहली बार PSA वर्ल्ड रैंकिंग के टॉप 100 में प्रवेश किया था और 93वीं रैंक पर पहुंची थीं। तब से लेकर अब तक उन्होंने लगातार अपने प्रदर्शन में सुधार किया और कई प्रतिष्ठित खिताब जीते।
उनकी सफलता की रफ्तार एशियाई खेल 2023 में और तेज हो गई, जहाँ उन्होंने महिला टीम और मिक्स्ड डबल्स में कांस्य पदक जीते। अप्रैल 2023 में उनकी रैंकिंग 406 थी, लेकिन अपने जबरदस्त प्रदर्शन के दम पर उन्होंने इसे तेजी से सुधारते हुए 68वीं रैंक तक का सफर तय किया।
प्रेरणा और आगे की राह
अनाहत सिंह की सफलता की कहानी हर युवा एथलीट के लिए एक प्रेरणा है। उनका समर्पण, अनुशासन और मेहनत यह दर्शाते हैं कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत में कोई कमी न हो, तो कोई भी ऊँचाई पाना असंभव नहीं है।
वह भारत में स्क्वैश को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए एक मिसाल बन रही हैं और आने वाले वर्षों में उनके और भी बड़े मुकाम हासिल करने की उम्मीद है।
“हर कठिनाई एक नई सीख है, हर चुनौती एक नया अवसर – अनाहत सिंह की कहानी हर युवा खिलाड़ी के लिए प्रेरणा है!”
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