म्यांमार में 7.7 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप: 1000 से अधिक की मौत, राहत कार्य जारी

म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने पूरे देश में भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 1000 से अधिक लोगों की जान चली गई है, जबकि 2400 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। भूकंप के बाद से ही देश में दहशत का माहौल है और राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
भूकंप का केंद्र और प्रभाव
म्यांमार के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, शुक्रवार को आए इस भूकंप का केंद्र मांडले के पास था। इस भीषण भूकंप के झटके न केवल म्यांमार बल्कि पड़ोसी देश थाईलैंड में भी महसूस किए गए। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी कई इमारतें हिल गईं और लोग घरों से बाहर निकलने को मजबूर हो गए।
भूकंप के कारण म्यांमार में कई इमारतें पूरी तरह ढह गईं, जिससे मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
शनिवार को भी महसूस किए गए झटके
भूकंप के झटकों का सिलसिला यहीं नहीं रुका। शनिवार को दोपहर 2:50 बजे रिक्टर पैमाने पर 4.7 तीव्रता के झटके फिर से महसूस किए गए, जिससे लोगों में भय और बढ़ गया। शुक्रवार को आए भूकंप के बाद लगातार आफ्टरशॉक्स दर्ज किए गए हैं, जिनमें से एक की तीव्रता 6.4 थी।
थाईलैंड में भी पड़ा असर
म्यांमार के अलावा थाईलैंड में भी इस भूकंप का असर देखने को मिला। बैंकॉक में एक निर्माणाधीन 33 मंजिला इमारत भूकंप के झटकों से धराशायी हो गई। इस हादसे में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए।
राहत और बचाव कार्य
म्यांमार में भूकंप के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है। देश के विभिन्न हिस्सों में सेना, पुलिस और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी मलबे से लोगों को निकालने में जुटे हुए हैं। सरकार ने रक्तदान की अपील की है ताकि घायलों को जल्द से जल्द चिकित्सा सुविधा मिल सके।
संयुक्त राष्ट्र ने इस आपदा से निपटने के लिए 5 मिलियन डॉलर की आपात सहायता राशि जारी की है। चीन और रूस ने भी बचाव दल और राहत सामग्री भेजी है।
भारत ने भेजी 15 टन राहत सामग्री
भारत ने मानवीय सहायता के तहत म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजी है। भारतीय वायुसेना का सी-130J सुपर हरक्यूलिस विमान हिंडन एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरकर म्यांमार पहुंचा। इस सहायता में खाद्य सामग्री, दवाइयाँ, टेंट और अन्य आवश्यक सामान शामिल हैं।
आगे की चुनौतियाँ
म्यांमार सरकार के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती विस्थापित लोगों को राहत पहुँचाना और पुनर्वास कार्य को शीघ्र पूरा करना है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस आपदा से निपटने में सहयोग कर रहा है।
भूकंप के झटकों से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है और चिकित्सा सुविधाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। म्यांमार की जनता इस कठिन समय में एकजुट होकर इस आपदा का सामना कर रही है।
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