रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत की आधिकारिक यात्रा पर आने वाले हैं। इस बात की पुष्टि स्वयं रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने की है। हालांकि, यात्रा की निश्चित तारीख की अभी घोषणा नहीं की गई है। लावरोव के अनुसार, भारत वर्तमान में इस यात्रा की व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दे रहा है। इस यात्रा को दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को और सुदृढ़ करने के रूप में देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर भारत आएंगे पुतिन
रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण को स्वीकार कर चुके हैं। रूसी अंतर्राष्ट्रीय मामलों की परिषद (RIAC) और भारत में रूसी दूतावास द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक सम्मेलन में उन्होंने इस बात की पुष्टि की। लावरोव ने कहा, “रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत की यात्रा की तैयारियां कर रहे हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर होगी।”
भारत-रूस के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंध
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल रूस के 22वें वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। यह यात्रा रूस और भारत के बीच ऐतिहासिक और रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी। प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई 2024 में रूस की यात्रा की थी, जो लगभग पांच वर्षों में उनकी पहली आधिकारिक रूस यात्रा थी। इससे पहले, उन्होंने 2019 में व्लादिवोस्तोक में आयोजित एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लिया था।
मोदी 9 मई को मॉस्को परेड में हो सकते हैं शामिल
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 मई 2025 को मॉस्को के रेड स्क्वायर पर आयोजित विजय दिवस परेड में शामिल हो सकते हैं। यह परेड ग्रेट पैट्रियॉटिक वॉर (द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ की जीत) की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित की जाएगी।
रूसी समाचार एजेंसी TASS के मुताबिक, भारतीय सशस्त्र बलों की एक औपचारिक टुकड़ी भी इस परेड में भाग ले सकती है। इस संबंध में चर्चा जारी है, और यदि सहमति बनती है, तो भारतीय सैन्य दल परेड से कम से कम एक महीने पहले रूस पहुंच सकता है।
भारत-रूस संबंधों को मिलेगी नई दिशा
राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा और प्रधानमंत्री मोदी की संभावित रूस यात्रा को देखते हुए यह स्पष्ट है कि दोनों देशों के बीच संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। रक्षा, व्यापार, ऊर्जा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, और अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्रों में भारत और रूस की साझेदारी ऐतिहासिक रूप से गहरी रही है।
इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच विभिन्न समझौतों पर चर्चा होने की संभावना है, जिससे द्विपक्षीय सहयोग को और गति मिलेगी। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत और रूस के रिश्ते वैश्विक राजनीति के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की प्रस्तावित भारत यात्रा वैश्विक राजनीति में भारत की भूमिका को और अधिक मजबूती प्रदान करेगी। भारत और रूस के बीच मजबूत होते संबंधों का प्रभाव न केवल द्विपक्षीय व्यापार और रक्षा सहयोग पर पड़ेगा, बल्कि यह भू-राजनीतिक समीकरणों में भी अहम भूमिका निभाएगा। अब सभी की नजरें इस ऐतिहासिक यात्रा की तारीखों की आधिकारिक घोषणा पर टिकी हैं।
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