कैप्टन डॉ. सुनैना सिंह: संकल्प, साहस व सफलता की प्रेरणादायक गाथा

हरियाणा के एक छोटे से गांव से लेकर भारतीय सेना में एक प्रमुख स्थान तक का सफर तय करने वाली कैप्टन डॉ. सुनैना सिंह की कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह समाज में मौजूद रूढ़ियों को तोड़ने का एक बेहतरीन उदाहरण भी है। उनकी यात्रा इस बात का प्रमाण है कि यदि इच्छाशक्ति प्रबल हो, तो कोई भी बाधा सफलता के मार्ग में रोड़ा नहीं बन सकती।
बचपन से ही देशसेवा की प्रेरणा
कैप्टन डॉ. सुनैना सिंह का जन्म एक शिक्षक परिवार में हुआ, जहाँ उनके माता-पिता शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत थे। स्वाभाविक रूप से, समाज को यही उम्मीद थी कि वह भी शिक्षण के पेशे को अपनाएंगी। लेकिन उनके भीतर कुछ अलग करने की ललक थी। यह भावना उनके दादा जी से प्रेरित थी, जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उन्होंने हमेशा सुनैना को सिखाया कि, “देश के लिए कुछ करना ही सबसे बड़ा धर्म है।” यही विचार उनके मन में गहराई से बस गया और उन्होंने सेना में जाने का निश्चय कर लिया।
संघर्ष और भारतीय सेना में प्रवेश
2010 में, सुनैना अपने गांव की पहली लड़की बनीं जिसने भारतीय सेना जॉइन की। यह राह आसान नहीं थी। सेना में भर्ती होने के लिए उन्हें कठिन प्रशिक्षण और शारीरिक एवं मानसिक परीक्षाओं से गुजरना पड़ा। उन्होंने सभी चुनौतियों का सामना किया और अपनी मेहनत और संकल्प के बल पर यह मुकाम हासिल किया। सेना की वर्दी पहनकर उन्होंने अपने दादा जी की विरासत को गर्व से आगे बढ़ाया।
सेना में सेवा और जीवन साथी की खोज
भारतीय सेना में अपने 10 वर्षों की सेवा के दौरान, उन्होंने न केवल अनुशासन और नेतृत्व के गुणों को आत्मसात किया, बल्कि उन्होंने वहां अपने जीवन साथी को भी पाया। उनके पति भी सेना में थे और उन्हीं की तरह देश सेवा के प्रति समर्पित थे। दोनों ने मिलकर अपने कर्तव्यों का निर्वाह किया और आज वे अपने बेटे को भी कर्तव्य, अनुशासन और देशभक्ति के संस्कारों के साथ बड़ा कर रहे हैं।
नई राह: एसएसबी मेंटर और प्रेरणादायक वक्ता
सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद भी, सुनैना सिंह ने अपने सपनों को नया आयाम दिया। उन्होंने सेवा चयन बोर्ड (SSB) मेंटर के रूप में युवाओं को गाइड करने का कार्य शुरू किया। वह हजारों युवा महिलाओं को प्रेरित कर चुकी हैं, जिससे वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए आत्मविश्वास और साहस प्राप्त कर सकें। उनका मानना है कि, “सच्ची ताकत सिर्फ खुद को ऊपर उठाने में नहीं, बल्कि दूसरों को आगे बढ़ाने में भी होती है।”
युवाओं को प्रेरित करने का मिशन
आज, सुनैना सिंह विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में कार्यशालाएं और प्रेरणात्मक सत्र आयोजित करती हैं, जहाँ वह छात्रों को अपने सपनों को साकार करने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और जानकारी प्रदान करती हैं। एक सेना अधिकारी, लाइफ कोच, ट्रेनर, खेल मनोवैज्ञानिक और SSB मेंटर के रूप में उनकी कहानी हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है।
सफलता का मूलमंत्र
कैप्टन डॉ. सुनैना सिंह का जीवन यह संदेश देता है कि मेहनत, लगन और समर्पण से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनका दृढ़ विश्वास है कि, “जीवन हमारे द्वारा चुनी गई प्राथमिकताओं से आकार लेता है, और व्यक्तिगत और पेशेवर सफलता दोनों के लिए संतुलन और समर्पण आवश्यक है।”
उनकी यह यात्रा हमें सिखाती है कि समाज में चाहे जितनी भी धारणाएँ हों, असली सफलता उन्हीं को मिलती है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए अडिग रहते हैं। कैप्टन डॉ. सुनैना सिंह की यह कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने जीवन में बड़ा मुकाम हासिल करना चाहता है।
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