दक्षिण कोरिया के दक्षिणी क्षेत्रों में शुष्क मौसम और तेज हवाओं के चलते भयानक आग लग गई, जिससे अब तक कम से कम 16 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकारी अधिकारियों ने बुधवार को जानकारी दी कि इस भीषण आग में 19 लोग घायल हुए हैं।
अंडोंग और अन्य कस्बों में हालात चिंताजनक
मंगलवार को अंडोंग शहर और अन्य दक्षिण-पूर्वी कस्बों के प्रशासन ने नागरिकों को अपने घर छोड़ने का आदेश दिया, क्योंकि तेज हवाओं के कारण आग तेजी से फैल रही थी। आग अब तक 43,000 एकड़ से अधिक भूमि को अपनी चपेट में ले चुकी है, जिससे जंगल और आसपास के इलाके जलकर राख हो गए हैं।
बौद्ध मंदिर गौंसा भी राख में तब्दील
इस भयावह आग के कारण उइसोंग में स्थित 1,300 साल पुराना बौद्ध मंदिर गौंसा पूरी तरह नष्ट हो गया। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इसमें किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली। मंदिर में रखे गए कुछ महत्वपूर्ण राष्ट्रीय खजाने, जिनमें एक पत्थर की बुद्ध प्रतिमा भी शामिल थी, को लकड़ी की इमारतों तक आग पहुंचने से पहले ही सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया।
हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया
दक्षिण कोरिया के आंतरिक और सुरक्षा मंत्रालय के अनुसार, अंडोंग, उइसोंग, सांचोंग और उल्सान शहरों में 5,500 से अधिक लोगों को उनके घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। अग्निशामकों ने सबसे खतरनाक आग की लपटों को नियंत्रित कर लिया था, लेकिन शुष्क मौसम और तेज हवाओं ने उनके प्रयासों को बेकार कर दिया, जिससे आग दोबारा भड़क उठी।
अग्निशमन दल की चुनौतीपूर्ण लड़ाई
आग पर काबू पाने के लिए करीब 9,000 अग्निशामक, 130 से अधिक हेलीकॉप्टर और सैकड़ों वाहनों को तैनात किया गया है। हालांकि, रातभर तेज हवाओं के कारण प्रयासों में बाधा आई, जिससे एंडोंग और उइसोंग काउंटी के प्रशासन को कई गांवों और अंडोंग विश्वविद्यालय के आसपास के निवासियों को अस्थायी आश्रयों में भेजने का निर्णय लेना पड़ा। स्कूलों और इनडोर जिम्नेजियम को शरण स्थलों के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
अग्निकांड का बढ़ता दायरा
आग उइसोंग से योंगदेओक तक फैल गई, जहां अधिकारियों ने कई सड़कें बंद कर दीं और चार से अधिक गांवों के निवासियों को घर खाली करने के आदेश दिए। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, चेओंगसोंग काउंटी की एक जेल से लगभग 2,600 कैदियों को भी दूसरी जगह स्थानांतरित किया जा रहा है।
मौत का सिलसिला जारी
कोरिया वन सेवा के मुताबिक, बुधवार सुबह तक देशभर में कम से कम पांच अलग-अलग जगहों पर जंगल की आग सक्रिय थी। शनिवार को सांचोंग में तेज हवाओं के कारण आग तेजी से फैली, जिससे चार अग्निशमन कर्मियों और सरकारी अधिकारियों की दर्दनाक मौत हो गई।
नियंत्रण की कोशिशें जारी
दक्षिण कोरियाई प्रशासन और राहत एजेंसियां लगातार आग पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन शुष्क जलवायु और तेज़ हवाएं इस काम में बड़ी बाधा बन रही हैं। सरकार ने नागरिकों से सतर्क रहने और किसी भी खतरे की स्थिति में तुरंत प्रशासन को सूचित करने की अपील की है।
यह विनाशकारी घटना दक्षिण कोरिया में आग से निपटने की तैयारियों को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस संकट से कैसे निपटती है और भविष्य में ऐसी आपदाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।
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