डिफेंस कॉरिडोर भूमि घोटाला: पूर्व इन्वेस्ट यूपी सीईओ सहित 16 अधिकारी दोषी

उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर के भूमि अधिग्रहण में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इन्वेस्ट यूपी के पूर्व सीईओ और तत्कालीन डीएम अभिषेक प्रकाश सहित 15 अन्य अधिकारियों को दोषी ठहराया गया है। जल्द ही इनके निलंबन के आदेश जारी किए जा सकते हैं। साथ ही, इस घोटाले में शामिल भूमाफिया के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उनसे मुआवजे की राशि वसूली जाएगी।
कैसे हुआ भूमि घोटाला?
लखनऊ के सरोजनी नगर तहसील में भटगांव ग्राम पंचायत की 35 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण डिफेंस कॉरिडोर परियोजना के तहत किया गया था। वर्ष 2020-21 में ब्रह्मोस मिसाइल सहित कई रक्षा कंपनियां यहां निवेश करने के लिए भूमि खोज रही थीं। इसी दौरान, भूमाफियाओं और अधिकारियों की मिलीभगत से जमीन की कीमतों में हेरफेर कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया।
भूमि हेरफेर का खेल
फर्जी दस्तावेज और अवैध कब्जे: अधिग्रहण प्रक्रिया में दस्तावेजों में हेरफेर कर कई अपात्र लोगों के नाम जोड़े गए। कई ऐसे व्यक्तियों को भी जमीन का मालिक दिखाया गया जिनका जमीन से कोई संबंध नहीं था।
संक्रमणीय श्रेणी में बदलाव: असंक्रमणीय श्रेणी की भूमि को नियम विरुद्ध संक्रमणीय घोषित किया गया।
भारी मुनाफाखोरी: किसानों से 8 लाख रुपये में खरीदी गई भूमि को 54 लाख रुपये में बेचा गया। यूपीडा को 57.60 लाख रुपये में बेची गई भूमि की वास्तविक बिक्री तिथि में विक्रेता का नाम खतौनी में दर्ज तक नहीं था।
मुआवजे में घोटाला: 35 हेक्टेयर भूमि के लिए 45.18 करोड़ रुपये मुआवजा स्वीकृत किया गया, जिसमें 20 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई।
अधिकारियों की संलिप्तता
इस घोटाले में शामिल तत्कालीन डीएम अभिषेक प्रकाश सहित 16 अन्य अधिकारी दोषी पाए गए हैं। इनमें तत्कालीन एडीएम अमरपाल सिंह, चार एसडीएम, चार तहसीलदार, एक नायब तहसीलदार, तीन कानूनगो और दो लेखपाल शामिल हैं। इनके निलंबन की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी।
जांच रिपोर्ट और साक्ष्य
राजस्व परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. रजनीश दुबे की 83 पन्नों की जांच रिपोर्ट में इन अधिकारियों की संलिप्तता उजागर हुई। प्रारंभिक जांच में मंडलायुक्त ने इस घोटाले को एक सुनियोजित षड्यंत्र करार दिया।
भूमाफिया पर शिकंजा
भूमाफियाओं ने 35 वर्ष पुराने पट्टों का इस्तेमाल कर जमीन को संक्रमणीय श्रेणी में डलवाया। नौकरशाहों और उनके रिश्तेदारों के नाम पर जमीन खरीदकर करोड़ों का मुनाफा कमाया गया। अब इन भूमाफियाओं के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उनसे अवैध रूप से अर्जित धन की वसूली भी की जाएगी।
सरकार की सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। सरोजनी नगर सब-रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारियों पर भी गाज गिरने वाली है। इसके साथ ही, भविष्य में ऐसे घोटालों को रोकने के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में कड़े नियम लागू करने की योजना बनाई जा रही है।
डिफेंस कॉरिडोर परियोजना में हुए इस घोटाले ने सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, इस मामले में दोषी पाए गए सभी अधिकारियों और भूमाफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई न केवल भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का प्रयास है, बल्कि भविष्य में होने वाले ऐसे घोटालों के लिए एक सख्त संदेश भी है।
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