सोमवार को राज्यसभा में कर्नाटक में सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को आरक्षण देने के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। इस विषय पर भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी बहस देखने को मिली। सदन में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा के नेता जगत प्रकाश नड्डा ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इन आरोपों का पुरजोर जवाब दिया। हंगामा इतना बढ़ गया कि सदन की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक स्थगित करना पड़ा।
रिजिजू का कांग्रेस पर बड़ा हमला
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को बोलने का अवसर दिया। रिजिजू ने कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए संविधान बदलने की बात कही है। उन्होंने इस बयान को बेहद गंभीर करार देते हुए कहा कि यह किसी आम व्यक्ति का नहीं, बल्कि एक संवैधानिक पद पर बैठे नेता का बयान है, जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।
रिजिजू ने कहा कि धर्म आधारित आरक्षण देने के लिए संविधान में बदलाव करना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता संविधान की किताब जेब में तो रखते हैं, लेकिन उसे कमजोर करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि कांग्रेस अध्यक्ष को देश के सामने स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर कांग्रेस मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए संविधान में बदलाव क्यों करना चाहती है।
जेपी नड्डा का कांग्रेस पर हमला
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा के नेता जेपी नड्डा ने भी कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भारतीय संविधान को “टुकड़े-टुकड़े” करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने संविधान निर्माता डॉ. बी.आर. आंबेडकर के विचारों का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने स्पष्ट रूप से यह सिद्धांत दिया था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह भारतीय संविधान का एक स्वीकृत सिद्धांत है और इसमें किसी भी प्रकार का बदलाव स्वीकार्य नहीं है।
जेपी नड्डा ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने सार्वजनिक अनुबंधों में अल्पसंख्यकों को चार प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से इस मुद्दे पर बयान देने की मांग की और पूछा कि कांग्रेस आखिर किस आधार पर संविधान के विरुद्ध जाकर इस तरह का आरक्षण देने की बात कर रही है।
मल्लिकार्जुन खरगे का पलटवार
भाजपा के आरोपों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मजबूती से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान को कोई बदल नहीं सकता और कांग्रेस संविधान की रक्षा करने वाली पार्टी है। उन्होंने भाजपा पर देश को विभाजित करने का आरोप लगाते हुए कहा, “हमने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा की, जबकि भाजपा भारत तोड़ो की राजनीति में विश्वास रखती है।”
हालांकि, जैसे ही उन्होंने आगे बोलने की कोशिश की, भाजपा सांसदों की नारेबाजी के कारण उनकी बात बार-बार बाधित हुई। खरगे ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस भारतीय संविधान की रक्षक है और हमेशा रहेगी। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह जानबूझकर ऐसे मुद्दे उठाकर देश की जनता को गुमराह करना चाहती है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी
कर्नाटक में मुस्लिमों को सरकारी ठेकों में आरक्षण देने का मुद्दा अब राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है। भाजपा इसे संविधान के विरुद्ध बताते हुए कांग्रेस पर हमलावर है, जबकि कांग्रेस इसे सामाजिक न्याय का हिस्सा मान रही है। इस मुद्दे पर संसद के आगामी सत्रों में भी गर्मागर्म बहस होने की संभावना है। देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में यह मुद्दा किस ओर करवट लेता है और देश की राजनीति पर इसका क्या असर पड़ता है।
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