इंडोनेशिया में तीन भारतीय नागरिकों को मौत की सजा सुनाए जाने की संभावना जताई जा रही है। इन तीनों पर जुलाई 2024 में ड्रग तस्करी का गंभीर आरोप लगाया गया था। वर्तमान में इस मामले की सुनवाई चल रही है, लेकिन इंडोनेशिया के सख्त कानूनों के चलते उनके लिए हालात बेहद मुश्किल नजर आ रहे हैं।
कौन हैं आरोपी और क्या हैं उन पर आरोप?
आरोपियों की पहचान राजू मुथुकुमारन (38 वर्षीय), सेल्वादुरई दिनाकरण (34 वर्षीय) और गोविंदसामी विमलकंधन (45 वर्षीय) के रूप में हुई है। ये तीनों तमिलनाडु के निवासी हैं और सिंगापुर की शिपिंग इंडस्ट्री में काम कर रहे थे। इन पर आरोप है कि उन्होंने सिंगापुर के झंडे वाले एक जहाज से इंडोनेशिया में 106 किलो क्रिस्टल मेथ नामक प्रतिबंधित ड्रग की तस्करी की।
इंडोनेशिया के सुरक्षाबलों ने करीकुम जिले के पोंगकर इलाके में इस जहाज को पकड़ा। गौरतलब है कि इस स्थान से सिंगापुर की दूरी मात्र एक घंटे की है, जिससे ड्रग तस्करी के मामले को और अधिक संदिग्ध बना दिया गया।
कैप्टन की गवाही बनी उम्मीद की किरण
इस मामले में जहाज के कैप्टन की गवाही बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बचाव पक्ष का दावा है कि कैप्टन की मंजूरी के बिना इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग को जहाज में रखना संभव नहीं है। साथ ही, जहाज से मिली सभी वस्तुओं की जिम्मेदारी भी कैप्टन की होती है। हालांकि, कैप्टन अब तक कोर्ट में पेश नहीं हुआ है। वह जूम कॉल के जरिए सुनवाई में शामिल हुआ, लेकिन तकनीकी कारणों से उसकी गवाही नहीं हो सकी।
कानूनी प्रक्रिया और संभावित सजा
इंडोनेशिया के अभियोजकों ने तीनों भारतीयों के लिए मौत की सजा की मांग की है। हालांकि, बचाव पक्ष के वकील पूरी कोशिश कर रहे हैं कि तीनों को बचाया जा सके। चूंकि इंडोनेशिया में ड्रग तस्करी के मामलों में बेहद कठोर दंड का प्रावधान है, इसलिए इस मामले को लेकर भारत में भी चिंता जताई जा रही है।
इस केस में 15 अप्रैल को सजा का ऐलान हो सकता है, और अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या कैप्टन की गवाही से इन तीनों भारतीय नागरिकों की बेगुनाही साबित हो सकेगी। यदि दोष सिद्ध हुआ तो इन्हें मौत की सजा दी जा सकती है, जो भारत के लिए एक गंभीर कूटनीतिक चुनौती बन सकती है।
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