महाराष्ट्र के पुणे से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने आईटी सेक्टर में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां एक कंपनी की मिनी बस में लगी आग कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि ड्राइवर की सोची-समझी साजिश थी। वेतन कटौती और दिवाली बोनस न मिलने से नाराज बस ड्राइवर ने अपनी ही कंपनी के कर्मचारियों की जान जोखिम में डाल दी। इस भयावह हादसे में चार इंजीनियरों की जलकर मौत हो गई, जबकि छह कर्मचारी गंभीर रूप से झुलस गए।
घटना का पूरा विवरण
यह दर्दनाक घटना पुणे के हिंजेवाड़ी स्थित आईटी कंपनी व्योम ग्राफिक्स की है। 12 कर्मचारियों को लेकर जा रही मिनी बस में अचानक आग लग गई। प्रारंभ में इसे एक दुर्घटना माना गया, लेकिन पुलिस जांच में जो खुलासा हुआ, उसने सबको चौंका दिया।
सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी जांच के आधार पर पुलिस ने पाया कि बस ड्राइवर जनार्दन हंबार्डिकर ने खुद इस आग को जानबूझकर लगाया था। उसने पहले से ही बस में ज्वलनशील रसायन बेंजीन छिपाकर रखा था और सही मौके पर माचिस से आग लगा दी।
कैसे दिया घटना को अंजाम?
जांच में सामने आया कि आरोपी ने घटना से एक दिन पहले ही प्लास्टिक बनाने में इस्तेमाल होने वाला बेंजीन रसायन खरीदा था। उसने इसे एक बोतल में भरकर अपनी ड्राइवर सीट के नीचे छिपा दिया था।
घटना के दिन जब बस हिंजेवाड़ी पहुंची, तब जनार्दन ने कपड़े के टुकड़ों में माचिस से आग लगा दी। बेंजीन अत्यधिक ज्वलनशील होता है, इसलिए कुछ ही सेकंड में आग पूरी बस में फैल गई।
ड्राइवर और आगे बैठे अन्य कर्मचारी तुरंत बस से कूदकर भाग गए, लेकिन पीछे बैठे 12 कर्मचारी फंस गए। चूंकि बस का पिछला दरवाजा अंदर से बंद था, वे बाहर नहीं निकल सके और चार कर्मचारियों की जलकर मौत हो गई।
कौन थे हादसे के शिकार?
इस हृदयविदारक घटना में जान गंवाने वाले सभी कर्मचारी व्योम ग्राफिक्स में इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई:
सुभाष भोसले (42 वर्ष)
शंकर शिंदे (60 वर्ष)
गुरुदास लोकरे (40 वर्ष)
राजू चव्हाण (40 वर्ष)
इसके अलावा, छह अन्य कर्मचारी बुरी तरह झुलस गए, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
ड्राइवर ने क्यों उठाया इतना खौफनाक कदम?
पुलिस पूछताछ में जनार्दन हंबार्डिकर ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। उसने बताया कि दिवाली बोनस कटने और वेतन में कटौती से वह बेहद नाराज था। इस गुस्से में आकर उसने कंपनी और वहां काम करने वाले कर्मचारियों से बदला लेने के लिए यह भयावह योजना बनाई।
सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
इस घटना के बाद पुणे के आईटी सेक्टर में हड़कंप मच गया है। कर्मचारियों ने सवाल उठाए हैं कि बस में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं थे? यदि बस का पिछला दरवाजा बाहर से खुल सकता, तो शायद ये चारों जानें बच सकती थीं।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
पुलिस ने आरोपी बस ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है और हत्या व आगजनी की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आगे की जांच जारी है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि क्या इस घटना में कोई और भी शामिल था।
यह हादसा केवल एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि एक व्यवस्था पर सवालिया निशान भी खड़ा करता है। कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर कंपनियों को अब गंभीर कदम उठाने होंगे। ड्राइवर द्वारा अपनी नाराजगी को इतने हिंसक तरीके से जाहिर करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और यह दिखाता है कि कामगारों की समस्याओं को अनदेखा करने के क्या खतरनाक परिणाम हो सकते हैं।
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