गाजा पट्टी में संघर्ष एक बार फिर गंभीर रूप लेता जा रहा है। इस्राइली सेना ने मध्य और दक्षिणी गाजा पट्टी में जमीनी अभियान पुनः शुरू कर दिया है। स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के अनुसार, हवाई हमलों के दूसरे दिन कम से कम 20 फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है। इस्राइली सेना ने घोषणा की है कि वह जमीनी अभियान को जारी रखेगी, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है।
अब तक का सबसे घातक दिन
मंगलवार को हुए हवाई हमलों में 400 से अधिक फलस्तीनी मारे गए थे। यह संघर्ष के आरंभ से अब तक का सबसे भयावह दिन था। हमले के कारण जनवरी से जारी युद्धविराम काफी हद तक समाप्त हो गया है। इस्राइली सेना ने कहा है कि उसने नेत्जारिम गलियारे के एक हिस्से पर फिर से नियंत्रण स्थापित कर लिया है, जो उत्तरी गाजा को दक्षिणी गाजा से अलग करता है। यह वही क्षेत्र है जहां से सेना युद्धविराम के दौरान पीछे हटी थी।
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर हमला
संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को पुष्टि की कि मध्य गाजा में स्थित उनके मुख्यालय पर हुए इस्राइली हवाई हमले में एक विदेशी कर्मचारी की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हो गए। हालांकि, इस्राइली सेना ने अपने बयान में कहा कि उसने हमास के ठिकाने पर हमला किया था। इस हमले की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है और मानवीय संगठनों की सुरक्षा को खतरे में डालता है।
इस्राइली सरकार में सत्ता संतुलन में बदलाव
इस्राइली सरकार में भी राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। दक्षिणपंथी नेता इतामार बेन-ग्वीर ने राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री के रूप में फिर से वापसी की है। उन्होंने जनवरी में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन सरकार को छोड़ दिया था, क्योंकि वे हमास के साथ युद्धविराम के विरोध में थे। अब जब संघर्ष फिर से बढ़ गया है, तो उनकी सरकार में वापसी से नीतिगत बदलाव की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं।
बंधकों की स्थिति और बढ़ती चिंताएं
इस्राइल की कैद में अभी भी 59 बंधक मौजूद हैं। दोबारा हमले शुरू होने के बाद से उनके परिजनों में डर का माहौल है। इस्राइली नागरिक अपने बंधकों की सुरक्षित वापसी की मांग कर रहे हैं, जबकि दूसरी ओर हमास समर्थक भी संघर्ष विराम की अपील कर रहे हैं।
संघर्ष का भविष्य क्या होगा?
गाजा पट्टी में बढ़ते हमलों के चलते वैश्विक समुदाय में चिंता बढ़ रही है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठन और देश संघर्ष को समाप्त करने की अपील कर रहे हैं, लेकिन इस्राइल की स्थिति स्पष्ट है कि वह आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखेगा।
अब देखने वाली बात यह होगी कि इस बढ़ते संघर्ष का अंत कब और कैसे होगा। क्या कूटनीतिक समाधान निकल सकेगा या फिर यह युद्ध और भी गंभीर रूप लेगा? आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि गाजा पट्टी की स्थिति और कितनी विकट होती है।
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