छत्तीसगढ़ के बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों की सीमा पर सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। गुरुवार को गंगालूर पुलिस थाना क्षेत्र की सीमा में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 22 नक्सलियों को ढेर कर दिया, जबकि इस संघर्ष में बीजापुर डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) का एक जवान वीरगति को प्राप्त हुआ।
मुठभेड़ का पूरा घटनाक्रम
गुरुवार सुबह करीब 7 बजे बीजापुर-दंतेवाड़ा सीमा के वन क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई। यह मुठभेड़ सुरक्षाबलों के विशेष सर्च अभियान के दौरान हुई, जो नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस, डीआरजी और अन्य सुरक्षा बलों द्वारा चलाया जा रहा था।
सूत्रों के अनुसार, सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के गढ़ में घुसकर यह अभियान चलाया। इस दौरान दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई। सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभालते हुए 22 नक्सलियों को ढेर कर दिया। मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और अन्य सामग्री बरामद की गई है।
सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी
बीजापुर पुलिस ने जानकारी दी कि यह अभियान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उग्रवाद को समाप्त करने की रणनीति का हिस्सा है। हाल के महीनों में सुरक्षा बलों द्वारा किए गए ऑपरेशनों में यह एक और बड़ी सफलता मानी जा रही है। इससे पहले, पिछले महीने भी बीजापुर के इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में एक बड़े ऑपरेशन के तहत 31 नक्सलियों को ढेर किया गया था।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ी सख्ती
छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा पर काबू पाने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। कांकेर-नारायणपुर सरहदी क्षेत्र में भी नक्सलियों की गतिविधियों की सूचना मिलने पर संयुक्त पुलिस बलों ने एक सर्च ऑपरेशन चलाया। इसी दौरान सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच आमना-सामना हुआ और मुठभेड़ शुरू हो गई।
राज्य सरकार और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रही हैं। बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जैसे जिलों में सुरक्षा बलों की सक्रियता बढ़ाई गई है।
नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने की कोशिशें
नक्सली हमलों को रोकने और इलाके में शांति बहाल करने के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। सुरक्षा बलों की रणनीति अब ज्यादा आक्रामक हो गई है, जिससे नक्सली बैकफुट पर हैं। सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यों और पुनर्वास योजनाओं से भी नक्सली प्रभाव को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
शहीद जवान को श्रद्धांजलि
इस अभियान में जहां 22 नक्सलियों को मार गिराया गया, वहीं बीजापुर डीआरजी का एक बहादुर जवान शहीद हो गया। सुरक्षाबलों और प्रशासन ने उनके बलिदान को नमन किया और उनकी शहादत को याद किया। शहीद जवान के परिवार को सरकार द्वारा हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया गया है।
बीजापुर-दंतेवाड़ा सीमा पर हुई यह मुठभेड़ सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता साबित हुई है। 22 नक्सलियों के मारे जाने से यह स्पष्ट हो गया है कि नक्सल विरोधी अभियान सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। सरकार और सुरक्षा बल नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह अभियान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
Discussion about this post