यूक्रेन में जारी पिछले तीन सालों के युद्ध के बीच अमेरिका और रूस के बीच एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई लंबी फोन कॉल के बाद युद्ध में अस्थायी सीजफायर की घोषणा की गई है। हालांकि, इस कॉल से पहले पुतिन ने ट्रंप को लगभग एक घंटे तक इंतजार कराया, जो राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम संकेत देता है।
ट्रंप के चुनावी वादों में शामिल था युद्ध विराम
डोनाल्ड ट्रंप अपने चुनावी वादों में यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की बात कर चुके हैं। इस दिशा में उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों को सऊदी अरब भेजकर रूसी अधिकारियों से चर्चा भी करवाई थी। इसके बावजूद, जब ट्रंप ने स्वयं पुतिन से फोन पर चर्चा करनी चाही, तो रूसी राष्ट्रपति ने कोई उत्सुकता नहीं दिखाई और उन्हें लंबा इंतजार कराया।
पुतिन ने क्यों कराया ट्रंप को इंतजार?
ब्रिटेन के प्रमुख अखबार एक्सप्रेस के अनुसार, पुतिन उस समय मास्को में रूस के शीर्ष अधिकारियों और उद्योगपतियों के एक संघ की वार्षिक कांग्रेस को संबोधित कर रहे थे। रूसी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, ट्रंप और पुतिन के बीच यह कॉल शाम 4 बजे से 6 बजे के बीच होनी थी। इस दौरान, जब संगठन के नेता अलेक्जेंडर शोखिन ने अपनी घड़ी की ओर देखा और क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कॉल के लिए 6 बजे से पहले का समय तय किया, तो पुतिन ने मजाक में कहा, “उनकी बात मत सुनो! यह उनका काम है।”
पुतिन का यह रवैया इस ओर संकेत करता है कि वे अमेरिका के सामने अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखना चाहते हैं। उनका यह कदम दर्शाता है कि रूस इस संघर्ष में जल्दबाजी नहीं दिखा रहा और अपनी शर्तों पर ही युद्ध विराम सुनिश्चित करना चाहता है।
पुतिन का रणनीतिक संदेश
विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन द्वारा ट्रंप को इंतजार कराने का उद्देश्य अमेरिका और पश्चिमी देशों को यह संदेश देना था कि रूस युद्धविराम के लिए उतना उत्सुक नहीं है जितना कि पश्चिमी देश सोच रहे हैं। इससे पुतिन अपने पक्ष को मजबूत करने और बातचीत में प्रभावी स्थिति में आने की रणनीति बना रहे हैं।
सीजफायर के बावजूद तनाव बरकरार
हालांकि, फोन कॉल के बाद अस्थायी युद्ध विराम लागू हो गया है, लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच तनाव अभी भी बरकरार है। जानकारों का मानना है कि इस युद्ध का स्थायी समाधान तभी संभव होगा जब दोनों पक्ष अपनी शर्तों पर सहमति जताएंगे।
डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की इस बातचीत से एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संदेश सामने आया है। यह वार्ता दर्शाती है कि रूस अपनी स्थिति को मजबूत बनाए रखने के लिए किसी भी तरह का दबाव स्वीकार नहीं कर रहा है। वहीं, ट्रंप अपनी चुनावी रणनीति के तहत इस युद्ध को खत्म करने की दिशा में प्रयासरत हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस अस्थायी युद्ध विराम के बाद वैश्विक परिदृश्य किस दिशा में आगे बढ़ता है।
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